यह क्या बोल गए भाजपा के वरिष्ठ नेता मिथिलेश मिश्रा,आखिर क्या है इसके मायने? कहीं बीडी शर्मा को नसीहत तो नही?

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उमरिया (संवाद)। भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के भूमि पूजन का अवसर था और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा पहुंचे हुए थे, साथ ही जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह, प्रभारी मंत्री रामकिशोर कावरे, वरिष्ठ नेता ज्ञान सिंह सहित विधायक और पूरे जिले और जिले के बाहर के भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे। मंचीय कार्यक्रम चल रहा था, नेताओं के द्वारा उद्बोधन दिए जा रहे थे, तभी वहां उपस्थित भाजपा के वरिष्ठ नेता मिथिलेश मिश्रा को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया। चूंकि मिथलेश मिश्रा एक अच्छे नेता के साथ अच्छे वक्ता भी माने जाते हैं, और जब भी वह माइक पर बोलना शुरू करते हैं तो धारा प्रवाह बोलते हैं और लोग उनका उद्बोधन भी बड़े ध्यान से सुनते हैं। श्री मिश्रा ने अपने उद्बोधन में केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया और उन्होंने अपने पुराने समय 40 साल पहले की जो स्थिति उमरिया की थी उसके बारे में भी बताया, लेकिन संबोधन के अंत में वे ऐसा क्या बोल गए कि प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम नेता एक क्षण के लिए सन्न रह गए। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की ओर इंगित करते हुए कहा कि ” पार्टी में पदों को लेकर उचित मापदंड अपनाना चाहिए। चयन से पहले कार्यकर्ता का सही ऑकलन हो, इसके बाद ही जिम्मेदारी सौंपी जाए।” बोलकर बीजेपी के प्रदेश अध्य्क्ष बीडी शर्मा को नसीहत दे डाली।निश्चित रूप से उनके द्वारा कही गई इन दो लाइनों की बात के मायने काफी बड़े हैं। हालांकि उनकी इस बात को समझने वाले समझ गए होंगे, और जो ना समझ पाए होंगे तो वे इसका अलग-अलग अर्थ निकाल रहे होंगे।हालांकि इसके पीछे की वजह क्या है यह तो वही जाने, या संगठन के लोग बेहतर जानते होंगे। लेकिन इतना जरूर है कि इस बात की चर्चा पार्टी और आम लोगों के द्वारा अन्य जगहों पर भी की जा रही है।
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