अनूपपुर (संवाद) अनूपपुर जिले के जैतहरी अंतर्गत संचालित मोजर वेयर पावर प्लांट में मेंटेनेंस का कार्य पूरा होने के बाद मजदूरों का वेतन भुगतान किए बिना भाग रही थार्मेक्स कंपनी के वाहन को जप्त कर लिया गया था। जैतहरी थाना प्रभारी ने मजदूरों को भरोसा दिलाया था कि जब तक उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं होगा तब तक ठेका कंपनी के वाहन नहीं छोड़े जाएंगे। लेकिन थाना प्रभारी ने ठेका कंपनी से मिलीभगत कर बिना मजदूरों का भुगतान कराए बिना ही वाहनों को छोड़ दिया है। खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए मजदूर और पेटी ठेकेदार द्वारा अनूपपुर एसपी से मामले की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
दरअसल अनूपपुर जिले के जैतहरी में स्थित मोजर वेयर पावर प्लांट में एसपी मशीन का मेंटेनेंस कार्य किया जाना था जिसके लिए मोजरवेयर कंपनी द्वारा झारखंड की थार्मेक्स नामक ठेका कंपनी को डेढ़ करोड़ रुपए में ठेका दे दिया। इसके बाद थार्मेक्स कंपनी के ठेकेदार ने इस कार्य को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर एमएस पावर सॉल्यूशंस कंपनी को सौंप दिया और पावर सॉल्यूशंस कंपनी द्वारा
90 लख रुपए में यह कार्य शशि कुमार एंड कंपनी को सौंप दिया गया। जिसके बाद शशि कुमार एंड कंपनी ने
मेंटेनेंस का कार्य पूरा कर दिया, इसके बदले में थॉर्मेक्स कंपनी झारखंड और पॉवर सॉल्यूसंस द्वारा पेटी ठेकेदार शशि कुमार एंड कंपनी को महज 13 लाख 50हजार दिए गए। बाकी का लगभग 70 लख रुपए यह कहकर देने से मना कर दिया कि अभी बिल भुगतान के लिए आवश्यक दस्तावेज पूरे नहीं है।
लगभग डेढ़ सौ मजदूरो ने पूरी जिम्मेदारी के साथ रात दिन मेहनत करके मोजर वेयर प्लांट के मशीन का मेंटेनेंस कार्य पूरा कर दिया। लेकिन जब मजदूरी देने का समय आया तो ठेका कंपनी ने गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया। तभी अचानक एक दिन मजदूरों को पता चला कि थर्मैक्स कंपनी और पावर सॉल्यूसंस के मैनेजर अपने स्टाफ के साथ प्लांट छोड़कर झारखंड भाग रहे हैं। सभी मजदूरों ने कंपनी के वाहन को चारों ओर से घेर लिया और फिर जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
बात इतनी बढ़ गई के मामले में जैतहरी थाना पुलिस को हस्ताक्षेप करना पड़ा । पुलिस ने मामले को समझने के बाद ठेका कंपनी के वाहन को जप्त कर लिया और ठेका कंपनी को मजदूरों का भुगतान करने के लिए 3 दिन की मोहलत दी ।
इस घटना को कई दिन बीत गए लेकिन ठेका कंपनी द्वारा मजदूरों का भुगतान नहीं किया गया। यहां तक की होली के त्योहार पर भी मजदूरों की होली बेरंग रही। वहीं दूसरी तरफ ठेका कंपनी ने शशि कुमार एंड कंपनी को जो 8 लाख का चेक दिया था वह भी बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने के बाद पेटी ठेकेदार ने थर्मैक्स कंपनी तथा पॉवर सॉल्यूसंस से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन ठेका कंपनी हीला हवाली करने में जुटी रही।
तभी होली के दूसरे दिन पता चला कि थाना प्रभारी जैतहरी द्वारा जप्त किए गए वहां को छोड़ दिया गया है। थाना प्रभारी ने ऐसा क्यों किया यह तो समझ से परे है, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि थाना प्रभारी जैतहरी द्वारा ठेका कंपनी से सांठगांठ कर लिया गया है और फर्जी मजदूरों के बयान लेकर वाहनों को छोड़ दिया गया है।
मजदूर और पेटी ठेकेदार द्वारा इस पूरे मामले की शिकायत एसपी अनूपपुर के पास की गई है और न्याय की गुहार लगाते हुए मजदूरी दिलाए जाने की मांग की गई है। अब देखना यह है कि आखिर मजदूरों का बकाया लगभग 50 लख रुपए का भुगतान कब तक हो पता है और पुलिस इसमें क्या भूमिका निभाती है।