मासूम के शव को कब्र से बाहर निकालने के निर्देश, मासूम को 51 बार दागने के बाद हुई मौत मामले में जांच के निर्देश

Editor in cheif
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शहडोल (संवाद)। बड़ी खबर शहडोल जिले से है जहां निमोनिया बीमारी से पीड़ित 3 माह की मासूम बच्ची की मौत मामले में सरकार नींद से जागी है। कारण यह कि मासूम बच्ची को निमोनिया बीमारी के चलते 51 बार गर्म सलाखों से दागा गया था। उसके बाद भी वह ठीक नहीं होने की स्थिति में उसे मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती कराया गया था जहां 2 दिन भर्ती रहने के उपरांत उसकी मृत्यु हो गई। चकि पूरा मामला कुप्रथा दगना के चलते उस मासूम की यह स्थिति हुई थी। लिहाजा अब सरकार नींद से जागी है और 2 दिन पहले दफनाई गई मासूम के शव को कब्र से बाहर निकालने के निर्देश दिए गए हैं। जिसका पीएम उपरांत असलियत सामने आ सकेगी और जिम्मेदारों पर कार्यवाही तय हो सकेगी।
दरअसल आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल के सिंहपुर के कठोतिया गांव में एक मासूम को किसी बीमारी या निमोनिया के चलते गर्म सलाखों से उसके पेट को छलनी कर दिया गया। तस्वीरें साफ तौर पर बयां कर रही है कि किस कदर 3 माह की मासूम को अंधविश्वास और कुप्रथा के चलते गर्म सलाखों से 51 बार दागा  गया है। मीडिया में लगातार खबरें आने के बाद अब सरकार और जिला प्रशासन नींद से जागा है। लेकिन 2 दिन पहले हुई मासूम बच्ची की मौत के बाद बच्ची के शव को दफना दिया गया था।
लेकिन अब सरकार के दबाव में जिला प्रशासन ने मासूम के शव को कब्र से बाहर निकालने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब प्रशासन मासूम का शव कब्र से बाहर निकाल कर पीएम कराने और बच्ची की मौत की असल वजह जानने की फिराक में है। जबकि साफ तौर पर जिले में अंधविश्वास और दगना प्रथा का प्रमाण बच्ची के पेट के निशान साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। बावजूद इसके प्रशासन इस मामले में ग्रामीण स्तर तक इस कुप्रथा पर लगाम या लोगों को जागरूक करने की बजाय पल्ला झाड़ता दिखाई दे रहा है।
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