बीजेपी सरकार के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगा जून का महीना,क्या सालों की एंटी इनकंबेंसी खत्म कर पायेगी सरकार

Editor in cheif
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एमपी (संवाद)। तमाम सर्वे और मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से आई मध्यप्रदेश की तश्वीर में जहां बीजेपी सरकार और केंद्रीय नेतृत्व बेहद चिंतित है। वही यह चिंता कर्नाटक राज्य के चुनाव नतीजे को देखकर और भी बढ़ गई है। लेकिन अब बीजेपी मध्यप्रदेश में कर्नाटक जैसे चुनाव नतीजों को नहीं देखना चाहती है। जिसके लिए वह अब आगामी 1 महीने में ही संगठन और सत्ता में तालमेल बनाकर रही कमियों और गड़बड़ियों को सुधारने में जुटने वाली है। हालांकि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी 6 महीने का वक्त है। लेकिन बीजेपी 1 महीने में ही पूरी तैयारी कर लेना चाहती है। वहीं बड़ा सवाल यह कि क्या सालों से पनप रही एंटी इनकंबेंसी को शिवराज सरकार 1 महीने में खत्म कर सकेगी और क्या लंबे समय से सत्ता और संगठन में बिगड़े तालमेल को सुधार पाने में सफल होगी?

पूरे प्रदेश में संगठन में बिगड़े माहौल को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व और एमपी बीजेपी संगठन और सरकार इसे 1 महीने में पटरी पर लाने के प्रयास में जुटे गी इसके लिए सत्ता और संगठन दोनों मिलकर आगामी 1 माह मैं इसे पूरा करने के लिए टारगेट बना रही है या यह कहा जाए कि जून 2023 का महीना बीजेपी के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगा सरकार का दावा है कि इस 1 महीने में हुआ है अलग-अलग हर वर्गों और क्षेत्रों के लिए प्लान बना कर छोटे कार्यकर्ता से लेकर बड़े पदाधिकारियों को एक धागे में पिरोने का काम करेगी। इसके अलावा सत्ता और संगठन पूरी तरीके से तालमेल बनाकर पूरे मध्यप्रदेश में रही सही कमियां और गड़बड़ी को सुधारने के लिए अलग-अलग वर्गों के लिए योजनाओं के माध्यम से जी जान से जुटने वाली है।

कहा यह भी जा रहा है कि बीजेपी का यह प्रयास मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के मुखिया बीडी शर्मा के मुखोटे को लेकर नही बल्कि किसी नए चेहरे के साथ पूरे प्रदेश भर में बीजेपी कमर कसने वाली है। आगामी 1 महीने के दौरान सत्ता में नाराजगी और दिग्गज नेताओं के बीच जाकर समन्वय बनाने का प्रयास करेगी। वही पूरे प्रदेश में सरकार के प्रति पनप रही एंटी इनकंबेंसी के मद्देनजर सरकार यह संभव प्रयास करेगी कि किसी कदर योजनाओं के माध्यम से जनता के द्वारा सरकार के प्रति anti-incumbency को खत्म किया जा सके। इस दौरान संगठन और सत्ता दोनों मिलकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से लेकर दिग्गज नेताओं को मनाने और समन्वय बनाने का काम करेगी। आगामी जून महीने की अग्नि परीक्षा के बाद बीजेपी जनता का कितना मूड बदल पाएगी और क्या वह विधानसभा 2023 के चुनाव में वापसी कर पाएगी इसका भी पता चल जाएगा।

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