बिना पैसे दिए प्रधानमंत्री आवास नही होता स्वीकृत,पैसे दो और आवास लो,ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत

Editor in cheif
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The big question in this whole matter is that such a complaint has not been made for the first time in the district. Even before this, there are constant complaints from different gram panchayats, in many complaints, eligible beneficiaries are seen demanding PM housing daily from the collector. At the same time, when the eligible people do not get the benefit of this scheme, on the basis of money, many PM houses of the ineligible people are ready. This is a big irony.
उमरिया (संवाद)। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पीएम आवास योजना में जमकर धांधली हो रही है। सरपंच,सचिव और रोजगार सहायक को जिस ने पैसे दिए वही पात्र, जिसने पैसे नहीं दिए वह अपात्र।
एक ऐसा ही मामला उमरिया जिले के ग्राम पंचायत सिलौड़ी में सामने आया है। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना में लगातार पीसीओ और रोजगार सहायक के द्वारा ग्रामीणों से पैसे की मांग की जाती है। फिर चाहे वह पात्र हो या अपात्र, कोई भी हो बिना पैसे के कोई काम नहीं होगा।
इस बावत ग्राम पंचायत सिलौड़ी के लगभग दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण शिकायत लेकर जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के पास पहुंचे और शिकायती पत्र देने के साथ ग्राम पंचायत में पीसीओ और रोजगार सहायक की मनमानी और हितग्राहियों से लगातार पैसे की मांग किये जाने की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की है।
वही ग्राम पंचायत से सिलौड़ी के निवासी विनय कुमार उरमलिया ने बताया कि गांव में पीएम आवास के नाम पर सचिव,रोजगार सहायक के द्वारा भारी घूसखोरी की जा रही है। पात्र लोगों को अपात्र कर दिया जाता है और अपात्र लोगों को पात्र बना दिया जाता है। पीएम आवास के नाम पर इन लोगों के द्वारा सीधे लोगों से ठगी की जा रही है। सूची में नाम जोड़ने से पहले दो हजार का ₹ कमीशन लिया जाता है। और जब सूची में नाम आ जाता है तब 5000 से ₹110 हजार की  मांग जाती है। हितग्राहियों के द्वारा पैसे नहीं देने पर लिस्ट से उनका नाम हटाकर दूसरों के नाम जोड़ दिए जाते हैं, जिसमें रोजगार सहायक,सचिव और पीसीओ इस पूरे मामले में दोषी हैं।
वही शिकायत के बाद जिले के अपर कलेक्टर अशोक ओहरी ने कहा कि शिकायत के आधार पर जांच कराई जाएगी जांच में अगर मामला सही साबित होता है तो दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
बहरहाल बड़ा सवाल यह कि इस तरह की शिकायत जिले में कोई पहली बार नही हुई है।इसके पहले भी लगातार अलग अलग ग्राम पंचायतों से शिकायत आती रहती हैम कई शिकायतों में पात्र हितग्राही कलेक्टर से रोजाना पीएम आवास की मांग करते देखे जाते हैम वहीं जब पात्र लोगो को इस योजना का लाभ नही मिलता वहीं पैसे के दम पर अपात्रो के कई पीएम आवास के मकान बनकर तैयार है। यह एक बड़ी बिडम्बना है।
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