कौशल विश्वकर्मा । 9893833342
“बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले”।
“हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि, हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले।।”
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले।।”
किसी शायर की यह पंक्तियां उमरिया नगर पालिका चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के द्वारा वार्ड के पार्षदों की टिकट वितरण के दौरान पार्टी के दिग्गज नेताओं पर फिट बैठता है।
कल सोमवार को भाजपा की नगरीय निकाय चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन समिति की बैठक जिला भाजपा कार्यालय विनायक टाउन में की गई थी, जिसमें प्रभारी प्रज्ञा त्रिपाठी, पूर्व मंत्री,सांसद दाऊ ज्ञान सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप पांडे सहित चयन समिति के पदाधिकारी शामिल हुए थे। जिसके बाद वार्डों की रायशुमारी में नियुक्त किए गए वार्ड प्रभारियों के द्वारा 24 वार्डों के पार्षद पद के लिए दिए नाम को फाइनल करने सहित अन्य प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई। इस दौरान भाजपा कार्यालय के अंदर और बाहर दावेदारों की गहमागहमी रही है।
हालांकि चयन समिति के द्वारा पार्षदों की टिकट को लेकर क्या कुछ फाइनल किया गया है यह अधिकृत रूप से अभी सामने नहीं आया है। लेकिन बैठक के बाद अंदरखाने से जो जानकारी निकलकर सामने आई है उससे नगर के भाजपा दिग्गजों के चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही है।
बता दें कि उमरिया नगरपालिका का यह चुनाव 8 वर्ष बाद हो रहा है इसलिए इस चुनाव को बहुप्रतीक्षित भी कहा जा सकता है। इसके पहले नगर पालिका का 2014 में चुनाव हुए थे, जिसमें उमरिया के प्रतिष्ठित भाजपा नेता शंभू लाल खट्टर की बहू नगर पालिका की अध्यक्ष बनी थी। उनके कार्यकाल में पूरे नगर में बहुत सारे विकास कार्य हुए। नगर का नक्शा ही बदल दिया गया है। लोगों ने बताया कि उनके कार्यकाल में नगर के सड़कों को चौड़ाकर डिवाइडर युक्त बनाया गया, चौराहों का व्यवस्थित किया गया सहित तमाम विकास कार्य कराए गए हैं। इसके अलावा लोगों ने यह भी बताया कि इस दौरान खट्टर जी को लोगों ने मलाई खाते भी देखा है और इसी कारण भाजपा के आधा दर्जन दिग्गज नेता वही मलाई खाने के चक्कर में 3 साल से सपना संजोए हुए है। वहीं इसके लिए वे लगातार 3 साल से चुनावी समीकरण बनाते और बिगाड़ते रहे हैं।
लेकिन यह मौका बड़े दिन बाद आया है जिसके बाद सभी आधा दर्जन दिग्गज पार्षद की टिकट के लिए महीनों से भारी मशक्कत कर रहे थे, और इन सभी की एक ही चाह थी कि हम ही अध्यक्ष बनेंगे। जिसके बाद चुनाव प्रारंभ हुआ टिकिटों की दावेदारी शुरू हुई इस बीच वार्डवासी और नेताओं में द्वंद भी दिखाई दिया। कई वार्डों के लोगों ने बाहरी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करने की मांग उठाई लेकिन यह मानने को तैयार नहीं थे। एक-एक दिग्गज ने दो-दो टिकटो की मांग कर रहे थे, फिर एक दिन नगरीय प्रशासन विभाग का एक फरमान जारी हुआ जिससे दिग्गजों के हाथ पैर ढीले हो। जिसमें यह कहा गया कि उमरिया नगर पालिका में अध्यक्ष का पद का चुनाव 2014 के आरक्षण के आधार पर कराया जाएगा जिसमें उमरिया नगरपालिका सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। जिसके बाद दिग्गज नेताओं ने आनन-फानन में पासा पलटा और अपने घरों की महिलाओं के टिकट के लिए फटाफट आवेदन दे डाला।
जानकारी के मुताबिक भाजपा की बैठक में चयन समिति में पार्षद उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जा चुके हैं इसके लिए संभवत 15 जून को शाम तक उनकी सूची सामने आ सकती है। इस बीच यह भी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि आधे दर्जन दिग्गजों में एकाध को छोड़कर पार्टी ने बाकी को नजरअंदाज कर दिया है। अंदर खाने से यह खबर आते ही दिग्गजों में मायूसी छाई हुई है। जिसके बाद से लगातार जहां जिसका जिस नेता से संपर्क है वहां फोन के माध्यम से या स्वयं दौड़ भाग लगाई जा रही है। कईयों को तो रात में नींद भी नहीं आ रही है। लोग बताते हैं कि जब से यह जानकारी आई है तभी से मायूस सयाने दिग्गज नेता इस तपती दोपहरी और उमस भरी गर्मी को भी कुछ नहीं समझ रहे हैं। बस इधर-उधर उनकी दौड़वाही जारी है।
बहरहाल वार्ड पार्षदों की टिकट की घोषणा के उपरांत ही यह तस्वीर साफ हो पाएगी कि भाजपा ने किसे अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया है और किसे नहीं? लेकिन लोगों ने सयाने दिग्गज नेताओं को सलाह दी है कि इस भीषण गर्मी में सोच समझ कर निकले, समय से भोजन और भरपूर नींद लें, नहीं तो टिकट के चक्कर में किसी और चक्कर में उलझ जाएंगे?