
प्रशासन की अव्यवस्थाओं के साथ सम्पन्न हुआ ज्वाला माता मंदिर का मेला और जवारा जुलूस

उमरिया (संवाद)। जिला मुख्यालय का एकमात्र ज्वाला देवी ज्वालामुखी मंदिर का मेला और जवारा जुलूस प्रशासन की अव्यवस्थाओ के बीच सम्पन्न हो गया।
जानकारी के मुताबिक शहर का यह एकमात्र मंदिर है जहां शहर के हर मोहल्ले के जवारा यहां विसर्जित होता है और मेला भी भरता है।यह कोई नई बात नही है हमेशा से यह होता चला आ रहा है। बावजूद इसके प्रशासन फेल साबित हुआ।
कई दिनों से लोंगो के द्वारा यह मांग की जाती रही है कि मंदिर का पहुंच मार्ग ठीक कराया जाय,साफ सफाई पर ध्यान दिया जाय,मंदिर गेट से मंदिर परिसर तक सड़क में मेट बिछाया जाय,लाइट की पर्याप्त व्यवस्था कराई जय लेकिन इन सब कामों में स्थानीय प्रशासन असफल साबित हुआ। इस तरीके का यह दुर्भाग्य शहर में पहली बार देखने को मिला जिसमे लोंगो की आस्था को चोट पहुंचाई गई है।
तश्वीरो में साफ देखा जा सकता है कि जवारा विसर्जन के लिए नदी के घाट में रोशनी तक नही है।जवारा विसर्जन करने पहुंचे लोग और महिलाओं ने मोबाइल से लाइट जलाकर जवारा विसर्जित किया गया। घाट के ऊपर समतली करण भी नही किया गया।एक तो अंधेरा ऊपर से ऊबड़-खाबड़ होने से कई महिलाएं सिर पर जवारा रखे गिरते-गिरते बची। प्रशासन इस रवैये से चारो ओर निंदा की जा रही है।

अब बड़ा सवाल उठता है कि प्रसाशन तो लोंगो के लिए उचित व्यवस्था बनाने और खासकर ऐसे सार्वजनिक आयोजनों में बिना किसी के बोले वह तमाम व्यवस्था सुद्रण व दुरुस्त की जानी चाहिए जिससे कोई कठिनाई न हो, लेकिन यहां प्रशासन नाकामी नजर आई।
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