उमरिया (संवाद)। उमरिया शहर में भी अब लोग या कोई साहब अपने आपको सटिस्फाई नहीं कर पा रहा है। फिर वह बीच सड़क पर ही अपने पद और गरिमा के चलते बीच सड़क पर रौब झाड़ते नजर आये। यह वाक्या रविवार शाम 7:30 पर सामुदायिक भवन से रणविजय चौक के बीच ठीक सुलभ शौचालय के सामने देखने को मिला। जहां पर साहब के द्वारा अपनी कार में पत्नी को बैठाकर बीच सड़क पर खड़ी करके पीछे से आने वाले लोगों और वाहन पर रौब झाड़ते हुए नजर आए। पीछे से आए वाहनों के द्वारा हार बजाने के बाद कार के कांच से एक हाथ निकला और उनके द्वारा इशारा किया गया है कि पीछे होकर दूसरी सड़क से निकल जाओ।
साहब के हाथ के इशारे के बाद सीधे-साधे भोले-भाले लोग अपने वाहन को पीछे कर दूसरी सड़क से निकल गए। लेकिन आखिर यह हुआ क्यों वहां से गुजरते हुए लोगों ने देखा कि एक साहब जिनकी कार पर न्यायाधीश लिखा हुआ है वह बीच सड़क पर अपनी कार को खड़े किए हुए हैं। उनकी कार में उनके साथ एक महिला भी बैठी हुई है शायद वह महिला उनकी पत्नी होगी। 10 से 15 मिनट तक कार बीच सड़क पर खड़ी रही। इस बीच जो भी लोग वहां पर आए और पीछे से हार्न बजाया, इस दौरान कार की कांच से हाथ बाहर निकला और इशारा किया गया कि आगे जाना है तो वह अपने वाहन को पीछे करके बगल की सड़क से होकर राँग साइड से निकल जाओ।
इस दौरान वहां से गुजरने वाले लोगों ने देखा कि कार में न्यायाधीश लिखा हुआ है इसलिए वह बिना किसी बात या सवाल के अपने वाहन को पीछे करके बगल की सड़क यानी रॉन्ग साइड से आगे बढ़ गए। इस दौरान वहां मौजूद और गुजरने वालों ने सोचा कि क्या इनके लिए कोई अलग कानून है। इसके पहले भी लोगों ने कई साहब को देखा है, लेकिन कभी भी इस तरीके की घटना उनके सामने नहीं आई है। जिला बनने के बाद यहां पर डीजे साहब, एडीजे साहब सहित डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और पुलिस महकमे के पुलिस अधीक्षक महोदय कई बार इस सड़क से गुजरते हैं, लेकिन ऐसा घटनाक्रम लोगों ने कभी नहीं देखा। शायद इसीलिए वह चिंतित रहे होंगे कि क्या कार पर लिखें न्यायाधीश के लिए कोई अलग कानून तो नहीं बन गया है।