पत्नी की चरित्र शंका से हत्या कर लाश छिपाने वाले आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा

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शहडोल (संवाद)।  माननीय अपर सत्र न्यायाधीश ब्यौहारी, जिला- शहडोल के द्वारा सत्र प्रकरण क्र0 54/21 थाना देवलोद के अपराध क्र0 215/2021 शासन विरूद्ध राजेन्द्र कोल बगैरह में आरोपी राजेन्द्र कोल पिता रामकुमार कोल उम्र 32 वर्ष निवासी – ग्राम मगरदहा बंधाटोला(बुडवा), थाना देवलोंद, जिला शहडोल को धारा 302 भा0द0वि0 में आजीवन कारावास एवं 3000/- रूपये अर्थदंड एवं धारा 201 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000/- रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में श्री आर.के. चतुर्वेदी अति0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी ब्यौहारी शहडोल एवं श्री हरिओम कुसुमाकर बैस सहा0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी ब्यौहारी जिला- शहडोल द्वारा पैरवी की गई ।
घटना का संक्षिप्त विवरण
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) श्री नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि
दिनांक 8 अगस्त 2021 को थाना प्रभारी देवलोंद निरीक्षक के.एन. बंजारे को सूचना मिली कि ग्राम मगरदहा (बंधा टोला) में नहर के किनारे एक महिला का शव पडा है तब थाना प्रभारी मौके पर पहुचे तो वहा पर शव पडा था मौके पर ही मृतिका का पति आरोपी राजेन्द्र कोल द्वारा मर्ग सूचना लेख कराई गई कि उसकी पत्नी राजकुमारी कोल द्वारा मर्ग सूचना लेख कराई गई कि उसकी पत्नी राजकुमारी कोल उसे दिशा मैदान जाने के लिए बताकर आज सुबह 7-8 बजे घर से गई थी जो वापस नहीं आने पर गांव में आस-पास पता तलाश किया लेकिन कोई पता नहीं चला। फिर शाम 5 बजे करीबन उसका छोटा भाई धीरेन्द्र कोल उसकी मां को जो जयप्रकाश के खेत में रोपा लगाने गई भी वहां जाकर बताया कि भाभी की लाश रामकुमार जायसवाल के खेत के किनारे नगरदहा बंधाटोला में नहर के किनारे पडी है।
आरोपी की उक्त सूचना पर जांच की गई और थाना में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई और विवेचक निरीक्षक के.एन. बंजारे द्वारा विवेचना में आरोपी द्वारा दी गई सूचना असत्य पाई गई तथा यह पाया गया कि आरोपी राजेन्द्र कोल द्वारा ही अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका कर घटना वाली रात्रि में ही तौलिया से मुह नाक दबाकर अपनें घर में ही पत्नी को मार डाला और फिर अपने छोटे भाई आरोपी धीरेन्द्र कोल के सहयोग से शव को छिपाने के लिए ले जाकर नहर के किनारे रख दिया गया।  उक्त अभियुक्त के विरूद्ध रिपोर्ट के आधार पर अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोेजन द्वारा प्रस्तुत किए गए सशक्त तर्कों से सहमत होकर एवं प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विचारण उपरांत आरोपी को उपरोक्तानुसार दण्ड से दंडित किया गया।
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