उमरिया (पाली)। जिले की नगरपालिका चुनाव पाली के नतीजे सामने आने के बाद परिषद बनाने के लिए भाजपा को स्पष्ट जनादेश मिला है। नगरपालिका के निर्धारित 15 वार्डों में से भाजपा के 8 प्रत्यासियो की जीत हुई है और जनता ने एक बार फिर भाजपा पार्टी और उनके नेताओ पर भरोसा जताया है। लेकिन चुनाव नतीजों के आने के बाद जिस तरीके से चर्चा सामने आ रही है उसमें कांग्रेस पार्टी भाजपा की तरह फार्मूला अपनाने और जोड़तोड़ की गुंजाइश समझ मे आती है।
पाली नगरपालिका चुनाव के नतीजों में भाजपा को स्पस्ट बहुमत मिलने के बाद जहां पार्टी के जीते हुए प्रत्यासी, पार्टी के नेता और उनके समर्थक खुशी और उत्साह के माहौल में डूबे है। वहीं कांग्रेस ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रही है। नतीजों के उपरांत कांग्रेस ने जहां 5 सीटें हासिल करने के तुरंत बाद सबसे पहले उसने वार्ड नंबर 5 से विजयी हुई निर्दलीय प्रत्यासी ऊषा कोल को अपने पाले में लेने का प्रयास शुरू किया है। वहीं वार्ड नंबर 3 से विजयी आम आदमी पार्टी से किन्नर संध्या रानी पाण्डेय का समर्थन भी हासिल किया है। जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अब 5 नहीं बल्कि 7 की संख्या पर पहुंच गई है। जिसके बाद अब कांग्रेस की रणनीति कुछ और इशारा करती है।हालांकि यह इतना आसान नही है लेकिन किसी भी संभावना से इनकार नही किया जा सकता है। वैसे भी भाजपा पार्टी के द्वारा दिखाए हुए फार्मूला को अपनाने में कांग्रेस भी पीछे नही है। कांग्रेस के इस रुख से शहर में जोड़ तोड़ की राजनीति की चर्चा भी शुरू हो गई हैं।
भाजपा की रणनीति आई काम
नगर पालिका चुनाव में भाजपा की रणनीति सफल हुई है।हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले सीटे जरूर कम आई है।लेकिन जिस तरीके से शहर में माहौल बना था और समय रहते भाजपा ने टिकिट देने में माहौल को भांपते हुए जो रणनीति अपनाई थी उसमें वह कुछ हद तक सफल हुई है। इस चुनाव में भाजपा ने पूर्व पार्षदो में से सिर्फ 2 को ही रिपीट किया है। बाकी के 9 पार्षदो की टिकिट काटकर नए लोंगो को उम्मीदवार बनाया गया था।