नगरपालिका अध्यक्ष में कांग्रेस की रश्मि का भाजपा की अर्चना से होगा मुकाबला, इधर मानपुर में भारती सोनी और उर्वशी द्विवेदी होंगी उम्मीदवार

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उमरिया/मानपुर (संवाद)। जिले के महत्वपूर्ण और सबसे पुरानी नगर पालिका उमरिया में आज नगरपालिका के अध्यक्ष (चेयरमैन) और उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। इसी के साथ नवगठित नगरपरिषद मानपुर में भी आज के ही दिन नगरपरिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। जिसके लिए निर्वाचन अधिकारी के द्वारा पूरी प्रक्रिया के लिए समय सीमा निर्धारित कर तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
वहीं 25 दिनन के लंबे इंतजार के बाद आखिर वह घड़ी आ ही गई जिसे लोगों को बेसब्री से इंतजार था। नगरपालिका उमरिया के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए राजनीतिक दल अपनी आपसी सहमति और तालमेल बनाकर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ाने नाम भी तय कर लिए गए है। भाजपा के द्वारा नगरपालिका उमरिया के लगभग नाम तय कर लिए गए है। जिसमे अध्यक्ष पद की उम्मीदवार भाजपा नेता ज्ञानेंद्र सिंह की पत्नी श्रीमती अर्चना सिंह गहरवार होंगी, वहीं उपाध्यक्ष के लिए सुजीत सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह को मैदान में उतारा जाएगा। वहीं कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष पद के सम्भवतः श्रीमती रश्मि सिंह और त्रिभुवन प्रताप सिंह के नाम जोकि इन दोनों में से कोई एक अध्यक्ष के लिए नामांकित होगा वहीं उपाध्यक्ष के लिये अभी तय नही किया गया है।
वहीं मानपुर नगर परिषद में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने भाजपा नेता सतीश सोनी की पत्नी श्रीमती भारती सोनी को उम्मीदवार बनाया है तो वही कांग्रेस नेता ओपी द्विवेदी की पत्नी श्रीमति उर्वशी द्विवेदी को कांग्रेस पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाएगा।
अध्यक्ष के लिए अभी भी तय नही की महिला या पुरुष
जानकारी के मुताबिक नगरपालिका उमरिया में अध्यक्ष पद के लिए महिला और पुरुष में अभी भी संशय बरकरार है। दरअसल नगरपालिका चुनाव के पहले हाल ही में हुए अध्यक्ष के आरक्षण में उमरिया नगरपालिका अनारक्षित की गई थी,लेकिन चुनाव के दौरान कहीं से घूमते फ़िरते एक नगरीय प्रसाशन विभाग का पत्र लोंगो के पहुंचा जिसमे यह लिखा गया था कि प्रदेश के जिन नगरीय निकायों में सन 2014 के आरक्षण के तहत चुनाव नही हुए उन जगहों पर 2014 में हुए अध्यक्ष के आरक्षण को लागू किया जाएगा। इस लिहाज से उमरिया नगर पालिका अनारक्षित (महिला) के लिए आरक्षित की गईं थी।
यहां पर बड़ा सवाल यह कि अभी तक इस बात का संशय बरकरार है। देखना होगा किस आरक्षण के आधार पर यहां अध्यक्ष का चुनाव कराया जाता है।
25 दिन के बनवास से पार्षदो को मिलेगी राहत
एक सबसे बड़ी बात यह कि नगर पालिका के चुनाव नतीजो के बाद चुनाव जीतने वाले पार्षदों को एक गुनाहगार की तरह 25 दिन का वनवास करार दे दिया गया था। वह लोग भी अब राहत की सांस ले रहे है।और आज वे बेसब्री से इंतजार कर रहे है कि कितनी जल्दी नगर पालिका के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव हो जाएं, जिसके बाद वे अपने घर और अपने परिवार के बीच पहुंच पाए।

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