कौशल विश्वकर्मा उमरिया। 9893833342
उमरिया (संवाद)। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के चुनावों का ऐलान होने के बाद नगर पालिका और नगर परिषद में होने वाले चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के बड़े-बड़े दिग्गज अब वार्ड में पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए भिड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि इस बार के नगरीय निकाय के चुनाव में नगर निगम को छोड़कर नगर पालिकाओं व नगर परिषदों के चुनाव में वार्डों से जीत कर आने वाले पार्षदों के ही बीच से और पार्षदों के द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है। ऐसे में राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता जो सीधे अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन अब उन्हें पहले पार्षद बनना पड़ेगा। उसके बाद उनकी दावेदारी अध्यक्ष के लिए की जा सकेगी। इस स्थिति में दिग्गज नेता शहर के वार्डों और गली मोहल्लों में घूमते देखे जा सकते हैं।
नए परिसीमन ने बिगाड़ा खेल
नगर पालिका व नगर परिषद का अध्यक्ष बनने का सपना संजोए शहर के विभिन्न दिग्गज नेताओं की मंशा पर सरकार के अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव कराने के निर्णय ने पानी फेर दिया। वही रही सही कसर वार्डों के नए परिसीमन ने बिगाड़ दिया है। नए परिसीमन से जहां वार्डों का विभाजन कर दिया गया। वहीं आरक्षण के कारण सीटें बदल दी गई। जिस वार्डों में दिग्गज नेताओं का निवास है वह वार्ड किसी दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। जिससे अब उन्हें अपने वार्ड को छोड़कर दूसरे वार्डो में समीकरण बैठाना पड़ रहा हैं। वहीं उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि दूसरे वार्ड में जाकर चुनाव लड़ने से कहीं उनकी पराजय ना हो जाए।
अध्यक्ष पद अनारक्षित के कारण मचा घमासान
नगर पालिका परिषद उमरिया का अध्यक्ष पद अनारक्षित होने के कारण सामान्य वर्ग के लोगों में घमासान मचा हुआ है। दोनों राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस के दिग्गजों में एक जैसी स्थिति निर्मित है, क्योंकि नगरपालिका के 24 वार्डों में 12 वार्ड अनारक्षित वर्ग के लिए हैं उनमें से 5 महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। बाकी बचे 7 वार्डों में वार्ड नंबर 6,9, 14, 15, 20, 21 और 22 में शहर के तमाम सामान्य वर्ग के दिग्गज नेता अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी बिसात बिछाने में लगे हैं ।
हालांकि कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा संगठन में दिग्गज नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जहां एक ओर पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा, अरविंद बंसल, शंभू लाल खट्टर, ज्ञानेंद्र सिंह, धनुषधारी सिंह और दिनेश त्रिपाठी का परिवार शामिल है। वहीं कांग्रेस से एडवोकेट पुष्पराज सिंह और युवा नेता त्रिभुवन प्रताप सिंह का नाम प्रमुख है। वहीं कुुछ नेताओं के वार्डों को छोड़ दे तो बाकियों का वार्ड अन्य वर्ग के लिए आरक्षित हो गयाा है। जिससे नगर पालिका के अन्य अनारक्षित वार्डों से चुनाव लड़नेेे के लिए नेताओ केे द्वारा उन जगहों पर जाकर समीकरण बैठाने का कार्य किया जा रहा हैै। वहीं इस बाात की भी चिंता की जा रही है कि कौन सा वार्ड उनके लिए बेहतर साबित होगा।
जानकारी के मुताबिक भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा वार्ड नंबर 15 से चुनाव मैदान में आ सकते हैं वही शंभू लाल खट्टर वार्ड नंबर 9 से चुनावी मैदान में आने के प्रयास में हैं। इसके अलावा पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद बंसल वार्ड नंबर 6 और 9 से चुनावी मैदान में उतर सकते है। वही कांग्रेस से एडवोकेट पुष्पराज सिंह वार्ड नंबर 22 और त्रिभुवन प्रताप सिंह वार्ड नंबर 14 या 6 से पार्षद की उम्मीदवारी कर सकते है।
बहरहाल दोनों राजनीतिक दलों के लोग नए परिसीमन, वार्डों के विभाजन और वार्डों के आरक्षण से नेताओ के बिगड़े समीकरण को पुनः बैठाने की गणित में दिग्गज नेता तमाम प्रयासो में जुटे है। देखना होगा नगरपालिका उमरिया का अध्यक्ष पद का सेहरा किसके सिर बंधता है।