ज्वाला माता मंदिर,ज्वालामुखी में उमड़ रही भक्तों की भीड़,लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर हो रही चोंट

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उमरिया (संवाद)। बीते 2 वर्षों में महामारी कोरोना से जहां मंदिरों में ताला जड़े हुए थे, वहीं इस बार जब सब कुछ ठीक है तब शारदेय नवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।जिले के सबसे प्रमुख मंदिर ज्वालामुखी मंदिर में नवरात्रि की बैठकी के दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। यहां पर कलश-जवारे भी स्थापित किए गए हैं और इस बार रामनवमी में बृहद मेला भी लगने वाला है, लेकिन लोगों में जितना उत्साह देखा जा रहा है वहीं मंदिर और मंदिर पहुंचने वाला मार्ग प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है।श्रद्धालु और स्थानीय निवासी बाबूलाल बताते हैं कि मंदिर के गेट से लेकर मंदिर तक की सीसी सड़क उखड़ चुकी है नुकीली गिट्टियाँ बिखरी हुई है। जिससे आवागमन में असुविधा हो रही है।वही मंदिर के भक्त राजेंद्र गुप्ता बताते हैं कि कोरोना के बाद अब सब कुछ ठीक है, लेकिन आवागमन के कारण भक्तों को कठिनाई हो रही है। क्योंकि लोग नंगे पांव पैदल चलकर मंदिर पहुंचते हैं। रास्ते में बिखरी गिट्टी और गड्ढे पांव में चुभते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपेक्षा की है कि शहर के एकमात्र माता मंदिर ज्वालामुखी में मंदिर गेट से लेकर मंदिर तक डामरीकरण भी करा सकते हैं।स्थानीय निवासी हरि सिंह ने बताया कि उमरिया शहर का यह प्राचीन मंदिर है, और शहर भर के लोग यहां पहुंचते हैं पूरे शहर के लोगों की आस्था यहां से जुड़ी हुई है। ऐसे में मंदिर का पहुंच मार्ग कठिनाई भरा होना बड़ी विडंबना की बात है।स्थानीय निवासी पत्रकार संजय तिवारी ने कहा कि नवरात्रि के समय लोगों में उत्साह है खासकर अष्टमी और नवमी के दिन भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ती है। पूरे शहर भर के जवारा, जुलूस के रूप में काली नाचते हुए मंदिर प्रांगण में पहुंचते हैं। इसके अलावा महिलाएं अपने मन्नत के अनुसार मंदिर गेट से मंदिर प्रांगण तक लेट कर दंड भरते हुए जाती हैं। लेकिन सड़क पर पड़ी नुकीली गिट्टियाँ और गड्ढों से उन्हें भारी परेशानी होगी, ऊपर से तपती धूप के कारण पूरी सड़क गर्म हो जाती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मंदिर गेट से ज्वालामुखी मंदिर तक अष्टमी और नवमी के दिन प्रशासन सड़क पर मेट बिछा दे तो बेहतर होगामबहरहाल शहर के लोगों और श्रद्धालुओं की आस्था और उम्मीदें जिला प्रशासन पर टिकी है देखना होगा प्रशासन इसके लिए क्या रुख अख्तियार करता है।
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