उमरिया (संवाद)। जिला मुख्यालय के ज्वालामुखी मंदिर के पास एक पेड़ गिरा है। जिससे इस पूरे इलाके में विद्युत आपूर्ति बाधित है। वहीं ज्वालामुखी से उजनिया मार्ग का आवागमन पूरी तरीके से बाधित है।
दरअसल 3 दिनों से जिले में हो रही रुक रुककर बारिश से मंदिर प्रांगण में सड़क के किनारे लगे पीपल का पेड़ बीच सड़क पर गिरा है वहीं पेड़ का कुछ हिस्सा तना मंदिर के ऊपर गिरा है। पेड़ गिरने के कारण वहां से गुजरी विद्युत लाइन भी टूट गई है जिससे विद्युत सप्लाई 2 दिनों से बाधित है। वहीं ज्वालामुखी रोड से होकर उजनिया,टोलवा सहित अन्य जगह जाने वाला सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित है। इसके कारण 2 दिनों से विद्युत सप्लाई नही होने के कारण लोंगो को पीने के पानी के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत विभाग को जानकारी के बाद भी विद्युत सप्लाई नही सुधारी गई है। विद्युत विभाग का कहना है कि विद्युत लाइन टूटकर पेड़ के नीचे दब गई है, जिसमे पहले पेड़ को हटवाए इसके बाद ही बिजली सप्लाई चालू हो पाएगी। इसके अलावा नगरपालिका को भी जानकारी दी जा चुकी है लेकिन 2 दिन बीतने के बाद भी पेड़ को नही हटाया गया है। विद्युत आपूर्ति नही होने से ज्वालामुखी और उजनिया के सैकड़ो घर अंधेरे में डूबे हुए है। वही ज्वालामुखी से उजनिया और आधा दर्जन गांव, मोहल्ले का आवागमन पूर्णरूप से बाधित है। नागरिकों ने नगर पालिका,विद्युत विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि इसे अविलंब दुरुस्त कराया जाय जिससे लोगों की परेशनी हल हो सके।
इधर इसके पहले कल आधीरात से पूरा दिन और फिर पूरी रात पूरे शहर में बिजली गुल थी। लोंगो का जीना दुश्वार रहा है। जहां पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा वहीं पीने के पानी की भी त्राहि त्राहि रही है। बड़ा सवाल यह कि इतनी बड़ी विद्युत फाल्ट कैसे अचानक हो गई आखिर इसकी क्या वजह रही है वही आज के समय मे 24 घंटे बिजली बंद रहना एक बड़ी बात है। जबकि बारिश शुरू होने से पहले विद्युत विभाग के द्वारा मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है, खराब उपकरण बदलकर नए उपकरण लगाए जाते हैं लेकिन इतनी बडी लापरवाही विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता हैं।इस मामले की जांच भी कराई जानी चाहिए और जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जानी चाहिए।