जबलपुर के हॉस्पिटल में अग्निकांड के बाद एक्शन में सरकार,अनूपपुर में कई नर्सिंग होम के लाइसेंस निरस्त

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अनूपपुर (संवाद) मध्यप्रदेश में हॉस्पिटल का हब कहा जाने वाला महानगर जबलपुर में बीते दिनों एक हॉस्पिटल में शॉर्ट सर्किट के कारण पूरे अस्पताल में भीषण आग लगी थी जिसमें 8 लोंगो की जिंदा जलकर मौत हो गई थी जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार जागी है और पूरे प्रदेश की सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम में लापरवाही और फायर सेफ्टी सिस्टम की जांच कराई जा रही है। इसी के तहत अनूपपुर जिले में फायर सेप्टी सिस्टम में लापरवाही और उसकी अनदेखी के कारण कई नर्सिंग होम का लायसेन्स निरस्त करने की कार्यवाही की गई है।
इस बावत अनूपपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बकायदे पत्र जारी कर जिले में संचालित कई नर्सिंग होम के लायसेन्स निरस्त कर दिया है। उनके द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भोपाल के द्वारा  जिले के समस्त पंजीकृत नर्सिंग होम/अस्पताल में अग्नि दुर्घटना रोकने फायर सेफ्टी सिस्टम की व्यवस्था की है कि नही जिसके बाद इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा जिले में संचालित सभी नर्सिंग होम और अस्पताल से जानकारी चाही गई थी। जिसके लिए बकायदे सीएमएचओ के द्वारा पत्र जारी किया गया था।
इसके बाद दिनांक 4 अगस्त को कार्यालय के आदेश से जिला स्तरीय नर्सिंग होम में फायर सेफ्टी सिस्टम की जांच करने के लिए टीम का गठन किया गया था जिसके बाद जांच टीम के द्वारा सभी नर्सिंग होम और अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण उपरांत जांच टीम ने अपने प्रतिवेदन में बताया गया कि जिले में संचालित आशीर्वाद हॉस्पिटल,न्यू लाइफ हॉस्पिटल,वी केयर हॉस्पिटल,संजीवनी हॉस्पिटल,संगीता नर्सिंग होम बिजुरी,न्यू ओमकार हॉस्पिटल कोतमा एवं गुरुकृपा हॉस्पिटल में फायर सेफ्टी सिस्टम की एनओसी अप्राप्त पाई है। जिसके बाद हॉस्पिटल में मरीजो और उनके परिजनों की सुरक्षा से खिलवाड़ मानकर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा उक्त सभी नर्सिंग होम/अस्पताल का रजिस्ट्रेशन तत्काल निरस्त कर दिया गया है। और कहा गया है की नर्सिंग होम और अस्पताल फायर सेफ्टी सिस्टम की एनओसी प्राप्त कर कार्यालय को सूचित करें।
बता दे कि बीते 1अगस्त को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में शॉर्ट शर्किट से लगी आग से अस्पताल के मरीज, परिजन और स्टाप मिलाकर 8 लोंगो की जिंदा जलकर मौत हो जाने से पूरा स्वास्थ्य महकमा कटघरे में खड़ा हो गया था। जिसके बाद प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्रालय ने आनन फानन में प्रदेश के समस्त  अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम सहित अन्य सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच कराने के आदेश दिए थे।

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