चित्रकार जोधईया बाई बैगा को मिला पद्मश्री पुरुस्कार,राष्ट्रपति के हाथों मिला अवार्ड,आखिरकार स्व आशीष स्वामी का सपना हुआ पूरा

नई दिल्ली (संवाद)। आखिरकार वह सपना पूरा हो ही गया जिसे अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार स्वर्गीय आशीष स्वामी ने देखा था। उनकी सिखाई हुई 80 साल की बुजुर्ग आदिवासी बैगा चित्रकार जोधईया बाई बैगा को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जोधईया बाई को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू के द्वारा पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है।
उमरिया जिले की लोढा गांव की रहने वाली 80 वर्षीय बुजुर्ग आदिवासी कलाकार जोधईया बाई को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। 22 मार्च को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में शाम 6 बजे एक कार्यक्रम का आयोजन कर जोधईया बाई को राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया है।
बता दें कि बैगा चित्रकार जोधईया बाई अपने उम्र के आखिरी पड़ाव यानी 60 वर्ष के बाद हाथों में ब्रश,स्याही थामकर चित्रकारी करना प्रारंभ किया था। जिसे ख्याति प्राप्त चित्रकार स्वर्गीय आशीष स्वामी ने उन्हें पेंटिंग करना सिखाया और उनकी पेंटिंग को देश-विदेश तक पहुंचाया है। स्व.आशीष स्वामी का ही सपना रहा है कि जोधईया बाई को उसकी पेंटिंग और उसकी लगन, मेहनत के लिए राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाए।
चित्रकार जोधईया बाई आज किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है, उनकी बनाई हुई पेंटिंग देश के प्रमुख स्थलों और विदेशों में भी देखी और सराही जा रही है। उन्होंने अपने लगन और मेहनत से वह मुकाम हासिल कर लिया है जिसकी वह हकदार रही है। निश्चित रूप से उनको पद्मश्री अवार्ड मिलने से पूरे उमरिया जिला सहित आसपास के इलाकों के लोग गौरवान्वित हुए है। उनकी इस मेहनत से यह संदेश भी दिया है कि जरूरी नहीं कि किसी भी काम करने के लिए कोई समय,उम्र और सीमा महत्वपूर्ण है बल्कि वह जब से पूरी मेहनत ईमानदारी और जी जान से किसी काम में लग जाए तो वह उसका मुकाम हासिल कर सकता है।
हालांकि जोधईया बाई अभी दिल्ली के प्रवास पर है,पद्मश्री अवार्ड के और कई सारे प्रोग्राम वहां आयोजित किये गए है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात और भोजन में शामिल होंगी। 27 मार्च को वह उमरिया पहुंचेगी। उनके साथ जनगण तश्वीर खाना के संचालक और स्व आशीष स्वामी के भतीजे निमिष स्वामी साथ है।
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