
ग्राम धनवाही हादसे की जांच मामले में लीपापोती की आहट,आखिर कब तय होगी कंचन माइंस प्रबंधन की घोर लापरवाही की जबावदेही?

कौशल विश्वकर्मा, एडिटर इन चीफ। 9893833342
उमरिया (संवाद)। बीते 9 मई सोमवार को कंचन ओपन माइंस की हैवी ब्लास्टिंग के कारण नजदीक के गांव धनवाही में एक घर की दीवार और छानी, छप्पर गिर जाने से तीन लोंगो की उसमें दबकर मौत हो गई थी।ग्रमीणों द्वारा कंचन कोयला खदान का विरोध और उत्पात मचाने के बाद जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मोर्चा सम्हाला और काफी मशक्कत के बाद विधायक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की बात ग्रामीणों ने माना और शांत हुए। वहीं मौके पर मौजूद विधायक शिवनारायण सिंह,कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव,और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा ने गांव के ग्रामीणों के सामने जांच कराकर उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया था।और कहा गया था कि जब तक कोल प्रबंधन पर जांच कराकर कार्यवाही नही की जाती तब तक माइंस बन्द रहेगी। इसी भरोसे को ग्रामीण मानकर शांत हुए थे।लेकिन अब एक सप्ताह बीत चुके है लेकिन कार्यवाही क्या की जा रही है किसी को पता नही?
कंचन माइंस में की जा रही ब्लास्टिंग
जानकारी के मुताबिक घटना के दिन कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के द्वारा कंचन माइंस प्रबंधन को जमकर फटकारा गया था। और जांच होने तक ब्लास्टिंग नही करने की बात कही गई थी।परंतु घटना के चौथे दिन ही माइंस ने ब्लास्टिंग शुरू कर दी।जिसके बाद ग्रामीण विरोध करने माइंस पहुंच गए और प्रबंधन से काफी वाद-विवाद के बाद मामला शांत हुआ इस बीच प्रबंधन ने ग्रामीणों को धमकाया कि माइंस क्षेत्र में घुसे तो पुलिस में शिकायत कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। जिसके बाद ग्रामीण वहां से लौटे।
बिलासपुर की डीजीएमएस टीम पहुंची जांच में
जानकारी के मुताबिक कंचन माइंस में हादसे के बाद यह बात सामने आई थी कि माइंस के हैवी ब्लास्टिंग के कारण हादसा हुआ है।जिसके बाद कोल इंडिया की ब्लास्टिंग से संबंधित जांच के लिए विभागीय रूप से काम करने वाली डीजीएमएस जांच एजेंसी का एक दल कंचन ओपन माईन पहुंचा था और उनके द्वारा जांच की है।हालांकि क्या जांच इसके बारे ग्रामीणों को कुछ पता नही है।इसके पहले भी जब डीजीएमएस के द्वारा जांच की बात ग्रामीणों के सामने आई थी तब ग्रामीणों ने इस पर अंदेशा जताया था कि कोल माइंस की विभागीय जांच एजेंसी डीजीएमएस पर उन्हें भरोसा नही है।

ग्रामीणों को कलेक्टर की बात पर है भरोसा
इस संबंध में जब ग्रामीणों से बात किया गया तब उनका कहना था कि हमे कलेक्टर की जांच पर पूरा भरोसा है,वो कभी ग्रामीणों के साथ अन्याय नही होने देंगे,रही बात डीजीएमएस की तो वह कोल कंपनी के विभागीय जांच एजेंसी है उसकी जांच पर ग्रामीणों को भरोसा नही है। वही अब ग्रामीणों का कहना है कि हप्ते भर बीत गए लेकिन जांच नही की जा रही है।कोई भी अधिकारी ग्रामीणों से पूंछतांछ और उनके बयान लेने नही पहुंचा है।
हादसे में प्रभावित परिवार का कैसे होगा गुजारा
ग्राम धनवाही हादसे में मां, बेटी और पेट मे पल रहे बच्चे की हुई मौत के बाद अब मृतक मां की एक और बेटी है जिनकी उम्र 10 से 12 साल की बताई जा रही ही। मृतक परिवार की ज्यादा परेशानी भी इसी बात को लेकर है कि मां के मरने के आखिर उसकी बेटी का क्या होगा। फिलहाल पीड़ित परिवार को अभी मुआवजा राशि भी नही दी गई है हालांकि वह राशि देर सबेर उन्हें मिल ही जाएगी।लेकिन कंचन प्रबंधन की घोर लापरवाही से हुए हादसे की जिम्मेदारी कब और किसके ऊपर तय की जाएगी?
देर शाम धनवाही पहुंचे विधायक और कलेक्टर
एक सप्ताह बाद बांधवगढ़ के विधायक शिवनारायण सिंह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव आज फिर देर शाम धनवाही पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की है हालांकि इस बीच कलेक्टर ने जांच जैसी कोई बात नही की बल्कि पीड़ित परिवार को मुआवजा देने संबंधी बात कही है। जिसके बाद ग्रामीणों का कहना है कि कंचन माइंस की ब्लास्टिंग से पूरा गांव परेशान है। यहां किसी एक घर की बात नही है इसलिये जांच की जानी चाहिए और प्रबंधन पर इस घोर लापरवाही की जबाबदेही भी तय की जानी चाहिए।वहीं इस बात की भी चर्चा और प्रयास किया जाना चाहिए जिससे कोई स्थायी समाधान निकाला जा सके।
बहरहाल ग्राम धनवाही में हुए हादसे के बाद यह बात साफतौर पर निकलकर सामने आई कि कंचन माइंस प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है।और यह कोई अचानक होने वाला हादसा नही है बल्कि जानबूझकर सालों से माइंस के द्वारा की जा रही हैवी ब्लास्टिंग का नतीजा है।रही बात मृतकों के मुआवजा की तो कोल कंपनी और शासन के निर्देशानुसार दिया ही जायेगा लेकिन इस घोर लापरवाही की जबावदेही कब और किस पर तय की जाएगी यह बड़ा सवाल है।
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