कटनी/डिंडौरी (संवाद)। सरकार के द्वारा पदस्थ किए गए जिले के कलेक्टर को ही जिले का मालिक समझा जाता है। फिर मालिक कोई भी काम करें अच्छा काम किया तो तारीफ और कुछ गलत हो तो बदनामी का सामना करना पड़ता है। यहां पर भी एक कलेक्टर ने कुछ ऐसा काम किया है जिसकी तारीफ पूरे जिले में हो रही है। हम यहां पर बात मध्यप्रदेश की कटनी जिले के कलेक्टर अवि प्रसाद की कर रहे हैं।उनके द्वारा लगातार पूरे जिले का दौरा करके ना सिर्फ जिले के हालातों का जायजा लिया है। बल्कि उन तमाम समस्याओं का भी निराकरण करने का प्रयास किया है जो पिछले समय से व्याप्त रही हैं। इसके अलावा उनके द्वारा कई नवाचार भी किए जा रहे हैं। जहां उनकी चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाती वहां वह दोपहिया में बैठकर और पगडंडियों पैदल चलकर भी उस जगह तक पहुंचते हैं जहां शायद अभी तक कोई नहीं पहुंचा है।
इसी क्रम में कलेक्टर अवि प्रसाद के द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र,छात्राओं को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन पर नजर पड़ी है। जाहिर सी बात है की मध्यान भोजन में गड़बड़ी करने का मामला कोई नया नहीं है,बल्कि यह आम बात है, जिसे सुधारने के लिए कलेक्टर अवी प्रसाद ने मध्यान भोजन की व्यवस्था और गुणवत्ता दुरुस्त करने के लिए फरमान जारी किया है।
कलेक्टर के द्वारा मध्यान्ह भोजन की प्रतिदिन गुणवत्ता परखने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री प्रसाद ने शुक्रवार को पत्र जारी कर आदर्श, धार्मिक, परमार्थिक एवं शैक्षणिक सेवा समिति इंदौर कैंप कटनी को निर्देशित किया है। कि जो मध्यान्ह भोजन छात्रों को दिया जाएगा उसी का सैंपल टिफिन नियत समय पर कलेक्टर कार्यालय भेजना सुनिश्चित करें। इस टिफिन का खाना स्वयं कलेक्टर श्री प्रसाद चखेंगें, उनके भ्रमण पर रहने या कहीं अन्य व्यस्त रहने की स्थिति में कोई अन्य वरिष्ठ अधिकारी चखकर भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण करेगा। परीक्षण पर यदि भोजन गुणवत्तायुक्त नहीं पाया जाएगा तो वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने ताकीद किया कि टिफिन में वही खाना दिया जाए जो छात्रों को दिया जाएगा। अन्यथा मेरे द्वारा समय-समय पर आप के टिफिन के सैंपल का मिलान स्कूलों में औचक निरीक्षण कर वहां परोसे गए खाने से किया जाएगा। यदि यह पाया जाता है कि कलेक्टर को भेजा गया खाना, बच्चों को परोसे जा रहे खाने से भिन्न गुणवत्ता का है तो इसे शासन से धोखाधड़ी मानते हुए दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा और इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा।
गौरतलब कि कलेक्टर श्री प्रसाद ने विगत दिनों कैरिन लाईन शासकीय प्राथमिक शाला का औचक निरीक्षण कर मध्यान्ह भोजन का स्वाद चखा था। जो निर्धारित मापदंड से कम और अरुचिकर एवं गुणवत्ताहीन पाया गया। इसके लिए भोजन प्रदाता समिति को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। समिति ने समक्ष में उपस्थित होकर भविष्य में गलती नहीं करने का आश्वासन भी दिया।
इसी तरह डिंडोरी जिले के कलेक्टर विकास मिश्रा भी जिले की हालातों और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कई नवाचार को प्रारंभ किया है। उनके द्वारा जहां बैगा आदिवासी महिलाओं के पास पहुंचकर अपना मोबाइल नंबर देकर यह कहते नजर आए की जब भी किसी समस्या या कोई परेशानी हो तो सीधे उनसे फोन लगाकर समस्या बताई जाए। इसके अलावा उनके द्वारा आदिवासी हॉस्टलों में रात गुजार कर वहां की वास्तविक स्थिति का पता लगाकर व्यवस्थाओं को सुधारने का काम किया जा रहा है। उनके इस काम के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी खुले मंच से तारीफ कर चुके हैं।