कंचन कोल माइंस की लापरवाही से गई मां-बेटी की जान,मामले में दर्ज होगी एफआईआर?

Editor in cheif
5 Min Read

गुस्साए ग्रामीणों ने मचाया उत्पात की तोड़फोड़,

कलेक्टर के जांच के आश्वासन के बाद माने ग्रामीण

कौशल विश्वकर्मा,9893833342
उमरिया (संवाद)। जिले के थाना नौरोजाबाद अंतर्गत कंचन ओपन कोल माइंस की लापरवाही से एक मां-बेटी की असमय मौत हो गई। इस संबंध में बताया गया कि कंचन कोल माइंस के आसपास के कई गांव में माइंस के हैवी ब्लास्टिंग से घरों की दीवारें क्रेक हो गई है। इतना ही नहीं ब्लास्टिंग से पत्थर और कोयले के बड़े-बड़े टुकड़े भी उछल कर गांव में गिरते हैं जिससे कई बार ग्रामीण घायल भी हो चुके हैं। ग्रामीणों के द्वारा कई बार कोल प्रबंधन को इस बाबत जानकारी भी दी जाती रही है। लेकिन कोल प्रबंधन लगातार अनदेखी करता रहा और प्रबंधन ने कभी भी ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सतर्क नहीं रहा और ना ही इसके लिए वे कोई प्रयास करते थे। प्रबंधन सिर्फ और सिर्फ हैवी ब्लास्टिंग कर कोयला खोदने में जुटा रहता था।

जानकारी के मुताबिक सोमवार को भी ऐसा ही हुआ जब कंचन माइंस प्रबंधन ने हैवी ब्लास्टिंग किया उसी दौरान थोड़ी देर बाद ग्राम धनवाही के सुखलाल बैगा का कच्चा मकान भर भराकर गिर गया जिसमें घर के अंदर सो रही मां-बेटी के ऊपर घर की छानी,छप्पर पर गिर गया जिससे दबकर सुखलाल बैगा की बेटी ननकी बाई और उसकी बेटी विद्या बाई की मौके पर मौत हो गई, इसके अलावा इस हादसे में तीन अन्य लोग भी घायल हुए हैं जिनका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।

हादसे से नाराज ग्रामीणों ने की तोड़फोड़ 
इस हादसे में मां-बेटी की मौत के बाद ग्राम धनवाही और आसपास के इलाके के गुस्साए लोगों ने जमकर उत्पात मचाया। सैकड़ों की तादाद में नाराज ग्रामीण कंचन खदान पहुंचकर दफ्तर के कांच खिड़की दरवाजे में पथराव कर दिया वही वहां खड़े वाहनों में भी तोड़फोड़ कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि कोल माइन्स को वर्षों से इस बात से अवगत कराया जाता रहा है कि ब्लास्टिंग से घरों की दीवारें दरक गई हैं और ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर व कोयले हवा में उछलकर गांव में गिरते हैं जिससे लोग घायल हो रहे हैं, इस पर ध्यान दिया जाए नहीं तो कोई और अनहोनी हो सकती है।
ग्रामीणों की इस बात पर प्रबंधन बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और यह हादसा हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि कोल माइंस प्रबंधन जैसे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा था नहीं तो बार-बार बताने के बाद भी ध्यान क्यों नहीं दिया? यह हादसा कोई अचानक होने वाला हादसा नहीं है बल्कि प्रबंधन की लापरवाही और उदासीनता के कारण यह घटना घटी है। ग्रामीणों की मांग है कि मृतक परिवार को मुआवजा देने के साथ प्रबंधन पर लापरवाही के लिए एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
विधायक और कलेक्टर के आश्वासन के बाद माने ग्रामीण 
हादसे के बाद सैकड़ों की तादाद में जुटे ग्रामीणों के गुस्से को देख मौके पर पहुंचे विधायक शिवनारायण सिंह, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा ने पर्याप्त पुलिस बल बुलाकर हालात को काबू में किया  वहीं विधायक और कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच कराने और कार्यवाही करने की बात पर ग्रामीण माने और अपनी नाराजगी खत्म किया। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने ग्रामीणों से कहा कि ब्लास्टिंग को पूरी तरह बंद कर सुरक्षा ऑडिट सहित अन्य तमाम मामलों की बिंदुवार जांच कराई जाएगी। कलेक्टर की बात को मानकर ग्रामीण शांत हो गए।इस बीच कलेक्टर ने कंचन कोल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई है, और कार्यवाही करने की भी बात कही है।
बहरहाल जांच के बाद क्या कुछ निकल कर सामने आता है। लेकिन यह बात तो बिल्कुल साफ है कि खदान के आस-पास के गांवों के घर हैवी ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त हुए हैं, और उनकी नीव और छत पूरी तरह कमजोर हो चुकी है। ग्रामीणों के द्वारा प्रबंधन को भी इस बात की कई बार जानकारी दी गई, इसके अलावा मीडिया के माध्यम से भी कई बार इस मुद्दे को उठाया गया था। लेकिन कंचन कोल प्रबंधन के द्वारा जानबूझकर ग्रामीणों की बात को अनसुना किया जाता रहा है, या यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह हादसा प्रबंधन की पूरी लापरवाही के चलते हुआ है  देखना होगा जानबूझकर की गई लापरवाही और अनदेखी पर कंचन माइंस कोल प्रबंधन पर एफ आई आर दर्ज की जाती है या नहीं? जिला प्रशासन और पुलिस पर बड़ा सवाल है?
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *