आधीरात खुला जाम, कलेक्टर और एसपी पूरे समय रहे मौजूद

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उमरिया (संवाद)। उमरिया-ताला (बांधवगढ़) सड़क मार्ग पर बड़ेरी के आगे डेगरहा नदी के पुल में दो ट्रकों के एक्सीडेंट के बाद सड़क पूरी तरह जाम हो गई थी एक साइकिल तक निकलना मुश्किल था। दोनों तरफ के वाहन और लोग जाम में फंसे हुए थे। हालांकि स्थानीय पुलिस मौके पर तुरंत पहुंचकर क्षतिग्रस्त ट्रकों को हटाने के प्रयास किए जाने लगे। जिसके बाद यह जानकारी उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को लगी। जानकारी के बाद कलेक्टर तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त ट्रकों को पुल से हटाने की कोशिश से शुरू की गई, कलेक्टर ने स्वयं अनेकों लोगों को फोन लगाकर हाइड्रा और जेसीबी मशीन की व्यवस्था कराई, और लगभग 4 घंटे रात्रि 12:00 बजे तक कलेक्टर व एसपी घटनास्थल पर ही मौजूद रहे। जिसके बाद हाइड्रा और जेसीबी की मदद से ट्रकों को धकेल कर किनारे लगाया गया और रास्ता खाली कराकर आवागमन सुचारू रूप से प्रारंभ कराया गया। इस बीच कई लोगों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से यह भी कहा कि आप जाइए हम लोग इन ट्रकों को हटवा रहे हैं, लेकिन कलेक्टर ने उन्हें जबाव दिया कि जब तक इन ट्रकों को हटाकर आवागमन शुरू नहीं करा देता तब तक मैं यही मौके पर ही मौजूद रहूंगा।

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उमरिया (संवाद)। उमरिया-ताला (बांधवगढ़) सड़क मार्ग पर बड़ेरी के आगे डेगरहा नदी के पुल में दो ट्रकों के एक्सीडेंट के बाद सड़क पूरी तरह जाम हो गई थी एक साइकिल तक निकलना मुश्किल था। दोनों तरफ के वाहन और लोग जाम में फंसे हुए थे। हालांकि स्थानीय पुलिस मौके पर तुरंत पहुंचकर क्षतिग्रस्त ट्रकों को हटाने के प्रयास किए जाने लगे। जिसके बाद यह जानकारी उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को लगी। जानकारी के बाद कलेक्टर तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त ट्रकों को पुल से हटाने की कोशिश से शुरू की गई, कलेक्टर ने स्वयं अनेकों लोगों को फोन लगाकर हाइड्रा और जेसीबी मशीन की व्यवस्था कराई, और लगभग 4 घंटे रात्रि 12:00 बजे तक कलेक्टर व एसपी घटनास्थल पर ही मौजूद रहे। जिसके बाद हाइड्रा और जेसीबी की मदद से ट्रकों को धकेल कर किनारे लगाया गया और रास्ता खाली कराकर आवागमन सुचारू रूप से प्रारंभ कराया गया। इस बीच कई लोगों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से यह भी कहा कि आप जाइए हम लोग इन ट्रकों को हटवा रहे हैं, लेकिन कलेक्टर ने उन्हें जबाव दिया कि जब तक इन ट्रकों को हटाकर आवागमन शुरू नहीं करा देता तब तक मैं यही मौके पर ही मौजूद रहूंगा।निश्चित रूप से कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की संवेदनशीलता साफ दिखाई देती है कि काम चाहे छोटा हो या बड़ा उसे वे मुकाम पर पहुंचाये बिना अधूरा नहीं छोड़ते, और शायद यही वजह है कि जाम रात्रि में ही खुल गया नहीं तो जाम खुलना इतना आसान भी नहीं था।

निश्चित रूप से कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की संवेदनशीलता साफ दिखाई देती है कि काम चाहे छोटा हो या बड़ा उसे वे मुकाम पर पहुंचाये बिना अधूरा नहीं छोड़ते, और शायद यही वजह है कि जाम रात्रि में ही खुल गया नहीं तो जाम खुलना इतना आसान भी नहीं था।

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