भोपाल (संवाद)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा विगत कुछ महीनों से अलग-अलग वर्ग की महिलाओं का सम्मेलन बुलाकर उन्हें कुछ ना कुछ सौगातें दी गई है। इसी क्रम में आज 29 जुलाई को आशा उषा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन बुलाया गया था। लेकिन किन्ही कारणों बस सीएम शिवराज के शेड्यूल में आशा उषा कार्यकर्ता का सम्मेलन कार्यक्रम शामिल नहीं है या यह कहा जाए की आशा आशा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में सीएम शिवराज के पहुंचने की कोई जानकारी नहीं है। इस बात की जानकारी लगते ही आशा उषा कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोश उत्पन्न हो उठा है। उनका कहना है कि किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री को उनके बीच आना ही होगा, नहीं तो वह लाल परेड ग्राउंड में डटी रहेंगी।
दरअसल आज 29 जुलाई को प्रदेश भर की आशा आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड मैं बुलाया गया था जिसमें प्रदेश भर के 53 जिलों से हजारों की तादाद में आशा उषा कार्यकर्ता राजधानी भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड पहुंच चुकी है। इस बीच जो जानकारी मिल रही है उसमें यह की आशा उषा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन का कार्यक्रम सीएम शिवराज सिंह चौहान के आज दिन भर के कार्यक्रमों के शेड्यूल में यह कार्यक्रम नहीं जोड़ा गया है। इस बात की जानकारी लगने के बाद हजारों की तादाद में पहुंची आशा उषा कार्यकर्ताओं में आक्रोश उत्पन्न हो रहा है।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री से मिले बगैर वापस नहीं जाएंगे और वह लाल परेड ग्राउंड में डटी रहेंगी कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री को आना ही होगा उनसे मिले बगैर हमारा यहां से जाना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी कुछ मांगे हैं जिसमें यह की उन्हें भी हर महीने मानदेय के तौर पर कुछ न कुछ राशि देने की घोषणा की जाए।
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग के लोगों का सम्मेलन बुलाकर उन्हें कुछ ना कुछ सौगातें दी है। फिर हम आशा उषा कार्यकर्ताऐं जो सबसे ज्यादा काम करती हैं उनसे मिलने के लिए आखिर उनके पास समय क्यों नहीं है। कुछ आक्रोशित होकर कहा कि आगामी कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में मुख्यमंत्री के द्वारा हमारी उपेक्षा चुनाव में दिख सकती है।