Bhandhavgarh (संवाद)। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दिनों एक बैग ने पतौर परिक्षेत्र के बमेरा गांव में एक घर में घुसकर वृद्ध के ऊपर हमला कर दिया जिससे वृद्ध गंभीर रूप से घायल हो गया पार्क प्रबंधन और परिजनों के द्वारा गंभीर घायल वृद्ध को उमरिया जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां से उसे जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन जबलपुर जाते समय रास्ते में वृद्ध की मौत हो गई। इधर हमलावर बाघ वृद्ध के घर के आसपास ही अपना डेरा जमाई रखा था।
घर में घुसकर वृद्ध को मौत के घाट उतारने वाला बाघ, वृद्ध के घर के नजदीक जमाया डेरा,प्रबंधन ने रेस्क्यू कर बाघ को किया शिफ्ट
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बाघ के हमले से हुई वृद्ध की मौत के बाद बमेरा गांव सहित आसपास के गांव के लोगों में जमकर आक्रोश पनपा और वह सैकड़ो की तादाद में बांधवगढ़ प्रबंधन के विरोध में उतर आए। उनका मानना है कि बांधवगढ़ प्रबंधन ना तो बाघों की निगरानी में चौकसी भारत रहा है और ना ही ग्रामीणों की जान माल की सुरक्षा कर पा रहा है। लगातार चार घंटे तक हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ो लोग मौजूद रहे।
घर में घुसकर वृद्ध को मौत के घाट उतारने वाला बाघ, वृद्ध के घर के नजदीक जमाया डेरा,प्रबंधन ने रेस्क्यू कर बाघ को किया शिफ्ट
इधर हमलावर बाग वृद्ध की मौत के बाद भी बमोरा गांव के आसपास ही अपना डेरा जमाई रखा इस दौरान पूरे गांव में दहशत का माहौल बना रहा लोगों को घरों से बाहर निकलने में भयभीत रहे बाग की मौजूदगी की जानकारी के बाद बांधवगढ़ प्रबंधन के द्वारा बाकी निगरानी भारत ने वन विभाग की एक टीम को लगाया था साथ ही हाथियों की मदद से बाघ की चौकसी की जा रही थी। जब बाघ वहां से हटाने का नाम नहीं ले रहा था तब प्रबंधन के द्वारा बाघ का रेस्क्यू किया गया है।
घर में घुसकर वृद्ध को मौत के घाट उतारने वाला बाघ, वृद्ध के घर के नजदीक जमाया डेरा,प्रबंधन ने रेस्क्यू कर बाघ को किया शिफ्ट
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प्रबंधन के द्वारा पालतू हाथियों और वन्य प्राणी डॉक्टर के द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसे अन्यत्र ले जाया गया है जहां उसके स्वभाव में आए परिवर्तन को देखा हुआ समझ जाएगा। बीते कुछ दिनों से बाघ के द्वारा लगातार ग्रामीणों के ऊपर हमले की जानकारी आते रहती है और लगातार इसके खिलाफ अब ग्रामीण मुखर हो रहे हैं पटौर परिक्षेत्र से ही लगातार तीन दिनों में तीन अलग-अलग व्यक्तियों के ऊपर बाघ के द्वारा हमला किया जा चुका है। इसके पहले भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत मचखेता गांव में बाघ लगातार हम लेकर रहा था जिसके बाद ग्रामीणों ने बांधवगढ़ प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला था।