उमरिया (संवाद)। जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम झाल के पास जंगल में मवेशी चरा रहे एक व्यक्ति को बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद बाघ का मूवमेंट लगातार उसी क्षेत्र में देखा जा रहा था।इसके अलावा ग्रामीणों के कई पालतू मवेशियों को भी निशाना बनाया गया था। इलाके में बाघ की दहशत से लोंगो का घरों से निकलना भी दूभर रहा है।
बीते 22 मार्च को बांधवगढ़ के पनपथा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम झाल से लगे जंगल मे मवेशी चरा रहे व्यक्ति बाघ ने हमलाकर मौत के घाट उतार दिया और घटना स्थल से 200 मीटर दूर उसका शव झाड़ियों में मिला था। जिसके बाद से लगातार बाघ का मूवमेंट उसी इलाके में देखा जा रहा था। इस दौरान बाघ ने गांव के नजदीक आकर कई पालतू मवेशियों को अपना शिकार बनाया था।जिसके कारण इलाके में बाघ की दहशत बनी हुई थी।इलाके के लोंगो का घरों से निकलना दूभर रहा है। ग्रामीणों के विरोध के बाद वन विभाग हमलावर बाघ की चौकसी में लगा रहा।
लगातार हफ्ते भर बाघ की निगरानी कर रहे वन अमला के द्वारा आखिकार बाघ का रेस्क्यू कर लिया है।और उसे बेहोशी की हालत में पकड़कर इनक्लोजर में शिफ्ट करने की तैयारी में है। बताया गया कि हमलावर बाघ के रेस्क्यू के लिए हफ्ते भर से वन अमला हाथियों की मदद से उस पर नजर रख रहा था और मौका मिलते ही बांधवगढ़ प्रबंधन ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसे बांधवगढ़ के बहेरहा स्थित इनक्लोजर में शिफ्ट किया जाएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम झाल से लगभग 3 किलो मीटर दूर पहाड़ी के पास एक अन्य मादा बाघिन का भी मूवमेंट है जिससे ग्रामीण भयभीत है। हालांकि पनपथा कोर के उक्त क्षेत्र में टाइगर की लोकेशन अधिकांशतः बनी रहती है। परंतु ये बाघ ग्रामीणों को कोई नुकसान नही पहुचाते है। फिर भी ग्रामीणों को बाघ वाले क्षेत्र से सतर्क रहने की जरूरत है।