माँ के जज्बे को सलाम: खूंखार टाईगर के जबड़े से अपने मासूम को छुड़ाने वाली मां और उसका डेढ़ साल का बेटा जबलपुर रेफर

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उमरिया/बाँधवगढ़ (संवाद)। एक माँ ही तो है जो हर कीमत में अपने बच्चों से सबसे ज्यादा प्यार करती है।फिर चाहे उसका बेटा कैसा भी हो माँ की ममता में कोई कमी नही होती है। जिसका एक ताजा उदाहरण देखने को मिला है। बीते रविवार को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से लगे मानपुर जनपद अंतर्गत गॉव रोहनिया के ज्वालामुखी में अपने घर के बाहर खेल रहे डेढ़ वर्षीय मासूम पर एक खूंखार टाईगर ने हमला कर दिया और उसे अपने जबड़े में दबाकर ले जाने लगा तभी वहीं पास में काम कर उस मासूम की मां की नजर उस पर पड़ी तो वह अपनी जान की परवाह किये बगैर वह फौरन अपने बच्चे को छुड़ाने खूंखार बाघ से भिड़ गई। इस दौरान वह तब तक हार नही मानी जब तक वह अपने जिगर के टुकड़े को बाघ से छुड़ा नही ली। जिसके बाद मां के प्रयास से आखिर बाघ को उसके बच्चे को छोड़ना ही पड़ा। इस बीच मासूम बेटे के साथ उसकी मां भी गंभीर रूप से घायल हुई है। जिसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय से जबलपुर के लिए रेफर किया गया है।
दरअसल भोला चौधरी नामक व्यक्ति मानपुर जनपद के रोहनिया गाँव का निवासी है।वह अपने खेत ज्वालामुखी में मकान बनाकर अपने परिवार के साथ रहता है यह पूरा इलाका जंगल से नजदीक है। रविवार को सुबह भोला चौधरी की पत्नी अर्चना घर के बाहर खेत मे काम कर रही थी और उसके डेढ़ वर्षीय मासूम राजवीर खेल रहा था। तभी वहीं पास की झाड़ियों में छिपे खूंखार टाईगर ने मासूम पर हमला कर दिया और उसे अपने जबड़े में दबाकर ले जाने लगा तब उसकी मां ने अपनी जान पर खेलकर बड़े जद्दोजहद के बाद वह अपने मासूम को बाघ से छुड़ा पाई। इस दौराम उसके द्वारा गुहार लगाने पर उसका पति भोला चौधरी भी दौड़कर वहां पहुंचा और बाघ को भगाने लगा।इस घटना में मासूम राजवीर सहित उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गए वही भोला चौधरी भी घायल हुआ है।
घटना की जानकारी के बाद वन विभाग और टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची है। जहां पहले घायलों को उपचार के लिए मानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उनकी हालत ठीक नही होने से उन्हें जिला चिकित्सालय रेफर किया गया था। जिसके बाद सुधार नही होने पर डॉक्टरों के द्वारा प्राथमिक इलाज कर मासूम राजवीर और उसकी मां को जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया है। वहीं बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व के 6 प्रशिक्षित हाथी का दल खूंखार बाघ को चारों तरफ से घेरे हुए थे और उसे गांव वाले इलाके से जंगल की ओर खदेड़ने में जुटे है।

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