बाढ़ का पानी भले ही उतरने लगा हो लेकिन प्रदेश में तो सियासी पारा चढ़ रहा है

Editor in cheif
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एमपी (संवाद)। प्रदेश में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है कई जिले में हालात भयावह थे। बारिश के कहर से जहां कई ग्रामीण बस्तियां जलमग्न हो गई वहीं शहरों की भी कई कालोनियों में लोग अपने घरों में फंसे रहे  हालांकि अब प्रदेश में भारी बारिश का दौर थम चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित कई जिलों का हवाई सर्वे और मोटर वोट से इलाके का दौरा किया है और प्रभावित लोंगो से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा जताया है। जिसके बाद प्रदेश में भले ही बाढ़ का पानी उतर रहा हो लेकिन सियासी पारा चढ़ता दिखाई दे रहा हैं।
दरअसल प्रदेश में बीते दिनों भारी बारिश के कहर से कई जिले इसकी चपेट में रहे है।जिसको देखते सीएम शिवराज ने जिले के कमिश्नर,कलेक्टर सहित पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए थे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नजर बनाए रखे और बाढ़ में फंसे लोंगो का रेस्क्यू कराकर सुरक्षित स्थानों पर पूरी व्यवथा के साथ रखे। जिसके बाद बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों का सीएम शिवराज ने स्वयम हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वे कर हालात का जायजा लिया है।इसके अलावा बढ़ प्रभावित इलाकों और लोंगो के बीच सीएम शिवराज मोटर वोट के माध्यम उनके पहुंचे है। प्रभावित लोंगो से मुलाकात करके पूरी स्थिति को जाना है और उपस्थित अधिकारियों को सर्वे कर राहत राशि मुआवजे के तौर पर शीघ्र देने के निर्देश दिए है।
सीएम शिवराज ने भोपाल स्थित मंत्रालय में एक हाई लेबल बैठक कर वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित कर उनके द्वारा कहा गया था कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और उससे प्रभावित लोंगो को तुरंत मुआवजा प्रकरण तैयार राहत राशि प्रदान की जाए। लेकिन सीएम की घोषणा के तुरंत बाद प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर चुटकी ली उन्होंने सीएम दौरे को दिखावा और मीडिया में सुर्खियां बटोरने जैसे आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 7 दिवस के भीतर राहत राशि प्रदान की गई थी। सीएम शिवराज भी बाढ़ से प्रभावित लोंगों को 7 दिन के भीतर मुआवजा प्रदान करे।
इधर भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सीएम शिवराज के द्वारा पहले ही मुआवजे के लिए निर्देश दिए जा चुके है। उन्होंने स्वयं प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है ओर लोंगों से मुलाकात की है। अधिकारी पूरे तरीके से सर्वे करने में लगे है। जैसे ही सर्वे कंप्लीट होगा तत्काल राहत दी जाएगी। बीते 15 महीने में कमलनाथ की सरकार के समय भी अतिवृष्टि और अन्य माध्यमो से लोग प्रभावित हुए लेकिन किसी को मुआवजा तक नही मिला है।
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