दयाराम की मौत पर आखिर जिला प्रशासन और पुलिस को क्यो करनी पड़ी भारी मशक्कत,कई नेताओं को पुलिस ने किया गायब.?

Umaria (संवाद)। जिले के मानपुर थाना अंतर्गत ग्राम हिरौली का रहने वाला आदिवासी 62 वर्षीय वृद्ध दयाराम सिंह गोंड़ की मौत के बाद जिला प्रशासन और पुलिस को आखिर इतनी मशक्कत क्यो करनी पड़ी,सुबह से लेकर जहां पूरी रात पुलिस बल जिले भर की तमाम सीमाओं और मुख्यालय से मानपुर की तरफ जाने वाले मार्ग पर सारी रात पुलिस रतजगा करती रही।इसके लिए उमरिया का जिला पुलिस के अलावा आसपास के जिलों का पुलिस बल बुलाया गया था।
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दयाराम की मौत पर आखिर जिला प्रशासन और पुलिस को क्यो करनी पड़ी भारी मशक्कत,कई नेताओं को पुलिस ने किया गायब.?दयाराम की मौत पर आखिर जिला प्रशासन और पुलिस को क्यो करनी पड़ी भारी मशक्कत,कई नेताओं को पुलिस ने किया गायब.?दयाराम की मौत पर आखिर जिला प्रशासन और पुलिस को क्यो करनी पड़ी भारी मशक्कत,कई नेताओं को पुलिस ने किया गायब.?दयाराम की मौत पर आखिर जिला प्रशासन और पुलिस को क्यो करनी पड़ी भारी मशक्कत,कई नेताओं को पुलिस ने किया गायब.?दयाराम की मौत पर आखिर जिला प्रशासन और पुलिस को क्यो करनी पड़ी भारी मशक्कत,कई नेताओं को पुलिस ने किया गायब.?
दरअसल ग्राम हिरौली निवासी 62 वर्षीय दयाराम 26 सितंबर को जिला मुख्यालय के रानी दुर्गावती चौक में हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के हिंसक आंदोलन में आरोपी रहा है।पुलिस के अनुसार दयाराम को उसी मामले में आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने दयाराम को 27 सितंबर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था जहां से उसे जेल भेजा गया था। घटना के बाद शासन व्दारा साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारियां की गई थी । गिरफ्तार लोगों में दयाराम सिंह गोंड पिता सुखलाल सिंह उम्र 62 वर्ष ग्राम हिरौली थाना मानपुर भी शामिल था, जो 27 सितंबर 2023 से जेल में निरूध्द रखा गया था।
जेल में वह स्वस्थ्य रहा है और लगभग एक महीने बाद 26 अक्टूबर 2023 को पेट दर्द करने की शिकायत पर उसे जिला चिकित्सालय उमरिया में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उसे बेहतर उपचार हेतु 31 अक्टूबर 2023 को मेडिकल कलेज शहडोल भेजा गया था, तथा 1 नवंबर 2023 को मेडिकल कालेज शहडोल से उपचार हेतु जबलपुर में भर्ती कराया गया था। उपचार को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें जबलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। जबलपुर मेडिकल कालेज मे उपचार के दौरान 19 नवंबर 2023 को उनकी मृत्यु हो गई । जिसकी सूचना उनके परिवार जनो को जेल प्रशासन के व्दारा दी गई थी। मृत्यु के पश्चात उनका पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम हिरौली लाया गया ।
दयाराम सिंह के पार्थिव शरीर ग्राम हिरौली लाने के पश्चात एडीजीपी शहडोल जोन डी सी सागर, कलेक्टर बुध्देश कुमार वैद्य, पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू, सहायक पुलिस महा निरीक्षक शहडोल जोन प्रतिमा मैथ्यू, एसडीएम मानपुर कमलेश पुरी हिरौली ग्राम पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की, उन्हें समझाईश दी तथा मृतक का अंतिम संस्कार करने की बात परिवार जनों से कही। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में परिवार जनों व्दारा मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
दयाराम की मौत के बाद 2 दिन तक चले घटनाक्रम में पुलिस खासा मशक्कत करते हुए दिखाई दी।जिले की सहित प्रमुख चौराहों में पुलिस तैनात दिखाई दी। वही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां से मृतक का शव लेने जबलपुर गए परिजन और उनके सहयोगियों के पीछे पुलिस टीम लगी रही।इस दौरान कुछ नेता टाइप के समर्थकों को पुलिस ने नजर बंद कर लिया था।जिनका मोबाइल जप्त कर रात भर अपने कस्टडी में रखे रहे।जिन्हें दयाराम के अंतिम संस्कार के बाद कुछ घंटों के बाद छोड़ दिया गया।पुलिस के द्वारा जिस तरीके से हाई अलर्ट पर रही है निश्चित रूप से 26 सितंबर को हुई घटना से जोड़कर देख रही थी। पूरे मामले में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग एहतियात सुरक्षा व्यवस्था में सफल रही है।
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