जल संसाधन विभाग की कमियां छिपाने जिला प्रशासन आया आगे, बांध में कई जगह कट मारकर निकाला जा रहा पानी, रातभर दहशत में रहे ग्रामीण

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उमरिया (संवाद)। जिले में लगातार 40 घंटे की बारिश से एक ओर नदी नाले उफान पर है वहीं जिले में भ्रस्टाचार की भेंट चढ़े जलाशय की भी पोल बारिश ने खोल दी है।जिसे ढंकने जिला प्रशासन के द्वारा चोरी छिपे तरीके से बड़ी बड़ी मशीन लेकर बांध फोड़ने आधीरात रात पहुंचा था ।
जानकारी के मुताबिक जिले के ग्राम घोघरी के पास जलसंसाधन विभाग द्वारा निर्मित जलाशय में जमकर हुए भ्रस्टाचार की पोल बारिश ने खोल दी है। जिसे छिपाने अब चोरी छिपे जिला प्रशासन पहुंचा हुआ है और दरार पड़ चुके डेम को एहतियातन पानी निकासी के लिए पोकलेन मशीन के माध्यम से कट लगाकर बांध को फोड़ने के फिराक में है। जिससे बांध फूटने और आसपास के गांवों को सुरक्षित बचाने के प्रयास किए जा रहे है। इधर सूत्र बताते है कि जिला प्रशासन के द्वारा जलसंसाधन विभाग की इस बड़ी गलती और डैम निर्माण में किये गए भारी भ्रस्टाचार पर पर्दा डालने के फिराक में रहा है।
दरअसल जिले के घोघरी ग्राम के पास जल संसाधन विभाग के द्वारा निर्मित घोघरी जलाशय में निर्माण के दौरान विभाग के द्वारा भ्रस्टाचार और अनियमितता का नतीजा है जिससे बारिश के मौसम डेम की यह स्थिति हुई है। लगातार 3 दिनों में हुई तेज बारिश डेम पूरी तरीके से भर गया था और भरने के साथ ही डेम में दरार पड़ गई और वही से पानी का रिसाव होने लगा। विभाग और जिला प्रशासन को जानकारी के बाद आसपास के गांवों और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए एहतियातन बांध में कट लगाकर डेम से पानी  निकासी करने का प्लान बनाया गया। और विभाग और जिला प्रशासन ने मिलकर घोघरी जलाशय में सावधानी पूर्वक जेसीबी मशीन के द्वारा कट लगाकर पानी को निकाला गया है। जिससे आसपास गांवों निमहा, पठारी और बड़खेरा में बांध से मंडरा रहा खतरा अब टल गया है।
जिले के कलेक्टर  संजीव श्रीवास्तव के द्वारा बांध और प्रभावित होने वाले गावो का निरीक्षण कर ग्रामीणों को समझाइस दी है की अब घबराने की जरूरत नही है। उनके द्वारा डेम का निरीक्षण कर धीरे धीरे डेम से पानी निकासी के लिए डेम में कट मारकर पानी बाहर निकाला जा रहा है। वहीं जिले में रविवार रात से बारिश बन्द हो गई है इस कारण भी अब ग्रामीणों को कोई खतरा नही है। फिर भी एहतियातन ग्रामीणों को रविवार की रात विद्यालय में रखा गया था। लेकिन अब बारिश बन्द इसलिए सुबह सभी अपने घर और गांव पहुंच गए है।
वहीं डेम का निर्माण करने वाले विभाग जल संसाधन के ऊपर डेम निर्माण में भारी भ्रस्टाचार और अनियमितता बरतने की बात सामने आ रही है।जिससे डेम के फुल भरते ही डेम में दरारे पड़ गई और पानी का रिसाव शुरू हो गया वहीं विभाग का कहना है कि डेम में मछली पालन करने वाले लोगो ने डेम में निर्धारित भराव के बाद पानी निकासी और वेस्ट वियर के ऊपर जाल लगा दिया था जिससे डेम फुल होने के बाद डेम से बाहर पानी नही निकल सका जिससे रिसाव शुरू हो गया। हालांकि सब के अपने अपने तर्क है।
बता दे कि घोघरी गांव के पास बीते वर्ष 2014 में यह डेम लगभग 20 करोड़ की लागत से  2.74 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता वाले घोघरी जलाशय का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया था। जिसके बाद करीब 5 वर्ष उपरांत यह जलाशय पूरा होने की स्थिति आया है।बहरहाल निर्माण के महज 3 सालों में ही डेम में दरार और रिसाव का मामला कही न कही इसके निर्माण में भ्रस्टाचार और विभागीय देख रेख में लापरवाही एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा मछुआरों द्वारा पानी का ओवर फ्लो निकासी द्वार पर जाल लगाना और विभाग की जानकारी में नही होना भी विभागीय चूक का ही नतीजा है।

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