उमरिया (संवाद)। जिले की हॉट सीट जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में बस एक रात का फासला बाकी है। जिला निर्वाचन की तरफ से जारी कार्यक्रम में जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव 29 जुलाई को सुबह 10 बजे से प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। जिसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा तैयारियां पूर्ण की जा चुकी है।
जानकारी के मुताबिक जिला पंचायत अंतर्गत 10 जिला पंचायत सदस्य चुने गए है और उन्ही के बीच से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने जाएंगे। जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन के बाद हुई मतगणना में 5 सदस्य कांग्रेस पार्टी से जुड़े उम्मीदवार जीते थे। वही भाजपा से 3 कैंडिडेट चुनाव जीते है। इसके अलावा 1 बहुजन समाज पार्टी से और 1 निर्दलीय के रूप में चुनकर आई थी। जिसके बाद 1 कांग्रेस के ओम नारायण अन्नू सिंह और 1 निर्दलीय श्रीमती अनुजा पटेल भाजपा में शामिल हो गई थी जिसके बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 5 पर पहुंच गई। वहीं कांग्रेस 4 और 1 बहुजन से केशव वर्मा बचे है।इस तरह अगर बहुजन पार्टी का 1 कैंडिडेट केशव वर्मा कांग्रेस को वोट करता है तो मामला बराबरी का हो जाएगा। हालांकि इस बार भाजपा कोई भी मौका गंवाना नही चाहती और पूरे समीकरण के साथ जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में उतरेगी।वही कांग्रेस भी अंदरखाने अपनी रणनीति से चुनाव लड़ने के फिराक में है।
जानकारी के मुताबिक भाजपा की रणनीति में श्रीमती अनुजा पटेल को अध्यक्ष के लिए और ओम नारायण अन्नू सिंह को उपाध्यक्ष के लिए चुनाव मैदान में उतार सकती है। वहीं कांग्रेस पार्टी अपने पुराने चेहरे 4 बार की जिला सदस्य श्रीमती सावित्री सिंह और ओमकार सिंह बबलू पर दांव खेल सकती है। लेकिन इस बार के चुनाव में क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ा हुआ है। सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसमें भाजपा में भी अध्यक्ष की सहमति को लेकर मतभेद उजागर हो रहे है। वही कांग्रेस में भी उपाध्यक्ष को लेकर सदस्यों की एक राय नही हो पा रही है।
फिलहाल अभी एक रात का फासला बाकी है। रात भर में कुछ खेल बनने और बिगड़ने की संभावना है। रातभर शहर के नामी होटल और पैलेस में चहलकदमी चलती रही है। निर्वचित सदस्यों के बीच नाराजगी और मतभेद को खत्म करने की समझाइश और मनाने-पटाने का सिलसिला जारी रहा है। बहरहाल कल 29 जुलाई को अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के चुनाव और वोटों की गिनती के बाद ही तश्वीर स्पष्ट हो सकेगी कि जिला पंचायत की हॉट सीट पर बैठने किस पार्टी का भाग्य साथ देता है। और तभी यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि किसकी तरफ से क्रॉस वोटिंग की गई है।