एक्शन में कलेक्टर पर क्या इतने से आरती पटेल और उसके 2 छोटे बच्चो को इंसाफ मिल पायेगा?

उमरिया/मानपुर (संवाद)। एक बात तो तय है कि एएनएम आरती पटेल ने सुसाइड ऐसे ही सहज रूप में नही किया था बल्कि उसी के डिपार्टमेंट के अधिकारियों और कर्मचारियों की हद से ज्यादा प्रताड़ना के बाद ही उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है। शिकायत और ओबीसी महासभा के विरोध के बाद जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव फुल एक्शन में नजर आ रहे है।
दरअसल जिले के मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत ग्राम बल्हौड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम आरती पटेल ने बीते 18 अगस्त को अपने ससुराल गॉव सिगुड़ी में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। जिसके बाद से लगातार उसके परिजनों के द्वारा इस बात की शिकायत की जा रही थी कि एएनएम आरती पटेल ने ऐसे ही सुसाइड नही किया है। बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में पदस्थ् नेत्र सहायक ज्ञानेंद्र मिश्रा और उसका बेटा मानपुर चिकित्सा प्रभारी डॉ अभिषेक मिश्रा के द्वारा की गई प्रताड़ना के कारण उसने यह कदम उठाया है।
इसके पहले एएनएम आरती पटेल ने स्वयं स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमएचओ आरके मेहरा से कई बार इस बावत शिकायत कर चुकी है।उसने अपनी पदस्थापना भी बल्हौड़ से हटाकर मानपुर या अन्यत्र किये जाने का अनुरोध भी कर चुकी थी। इतना ही नही वह जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से भी अपनी आप बीती सुना चुकी है। लेकिन उसका दुर्भाग्य कहा जायेगा कि किसी ने समय रहते ध्यान नही दिया जिसके कारण वह अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय ले लिया।
एएनएम आरती पटेल के सुसाइड करने के बाद परिजन खुले रूप से आरती पटेल की मौत का जिम्मेवार मानपुर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा और उसके पिता नेत्र सहायक ज्ञानेंद्र मिश्रा को मानते है। इसको लेकर परिजन लगातार शिकवा शिकायत कर रहे है। इसके अलावा हाल ही में ओबीसी महासभा के द्वारा भी सैकड़ो की तादात में लोग मानपुर मुख्यालय और जिला मुख्यालय में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा को ज्ञापन सौंप चुके है।इसके आगे भी ओबीसी महासभा कार्यवाही नही होने की स्थिति में आंदोलन करने की तैयारी में है।
इधर शिकवा शिकायत के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव भी फुल एक्शन मोड़ में नजर आ रहे है।जिसे लेकर कलेक्टर ने पहले 25 से 30 वर्ष से मानपुर स्वास्थ्य विभाग में जड़ जमाये नेत्र सहायक ज्ञानेंद्र मिश्रा को मानपुर से पाली स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित करने आदेश जारी किया है। कलेक्टर के आदेश में यह भी साफ उल्लेख है कि 1 सप्ताह के भीतर ज्वाइन नही करने पर उसके वेतन पर रोक लगा दी जाय। इसके दूसरे दिन एक ऐसा ही आदेश कलेक्टर के द्वारा फिर जारी किया गया जिसमें इस बार ज्ञानेंद्र मिश्रा के बेटे प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अभिषेक मिश्रा के नाम का रहा है। जिसमे कलेक्टर ने उसे भी मानपुर से हटाते हुए करकेली स्वास्थ्य विभाग में ज्वाइन करने आदेशित किया है।
वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि अब पुलिस भी कार्यवाही करने के मूड में है। जिसमे पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा के निर्देश पर थाना मानपुर में पुलिस के द्वारा मृतक एएनएम आरती पटेल से जुड़े और साथ मे काम करने वालों के बयान दर्ज किए जा रहे है। इसके बाद पुलिस आरती पटेल के परिजनों के भी बयान दर्ज कर सकती है।
बहरहाल कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के द्वारा एएनएम आरती पटेल सुसाइड मामले में एक्शन मोड़ में तो दिखाई दे रहे है। लेकिन क्या किसी की प्रताड़ना से कोई सुसाइड कर लिया हो और दोषियों पर सिर्फ इतनी ही कार्यवाही से मृतक आरती पटेल और उसके 2 छोटे बच्चों को पूरा इंसाफ मिल जाएगा। देखना होगा जिले के कलेक्टर इसके लिए और क्या कदम उठाते है। हालांकि कलेक्टर के द्वारा जारी किये गए आदेश में कही भी मृतक एएनएम आरती पटेल मामले का जिक्र नही है बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का उल्लेख है।
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