अमृता हॉस्पिटल सहित 15 प्रायवेट अस्पतालों को बंद रखने का निर्देश, एक माह के भीतर प्रस्तुत करें फायर एनओसी

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शहडोल (संवाद)। शहडोल के संभागीय मुख्यालय में कलेक्टर वंदना वैध के निर्देश के बाद स्वास्थ्य अमला एक्शन में आया है। जिसके बाद टीम गठित कर फायर सिस्टम की एनओसी सहित अन्य तामाम जरूरी दस्तवेजो की जांच कराई गई। जिसमें 18 प्रायवेट नर्सिंग होम और अस्पतालों में सिर्फ 3 अस्पतालों में फायर सिक्युरिटी सिस्टम की एनओसी मिली है। बाकी 15 अस्पतालों के पास से एनओसी नही मिली है। जिसके बाद 2 नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है वहीं 13 अस्पतालों को 30 दिन में एनओसी प्रस्तुत करने के साथ अस्पताल बन्द रखने के निर्देश दिए गए है।
शहडोल जिले की कलेक्टर वंदना वैध के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम बनाकर जिले में संचालित नर्सिंग होम और अस्पतालों में फायर सिक्युरिटी एनओसी और तमाम प्रमुख दस्तावेजों की जांच कराई गई है। जिसमें 3 नर्सिंग होम आदित्य अस्पताल,श्रीराम अस्पताल और हातमी अस्पताल के पास 3 साल का फायर एनओसी प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 2 अस्पताल जिसमे क्रिश्चियन अस्पताल और जायसवाल नर्सिंग होम जयसिंहनगर के पास फायर एनओसी सहित अन्य दस्तावेज नही मिले जिस कारण सीएचएमओ ने उनका पंजीयन निरस्त कर दिया है। वहीं शेष 13 प्रायवेट अस्पतालों जिसमे अमृता अस्पताल,
श्याम केयर हॉस्पिटल,देवांशी अस्पताल, मूंदड़ा हॉस्पिटल,डॉ राजेन्द्र सिंह मल्टी स्पेशलिटी,सराफ,देवाता,
मेवाड़,जेजे अस्पताल अमलाई, स्वास्तिक हॉस्पिटल धनपुरी और अविका अस्पताल धनपुरी के पास फायर सिक्युरिटी सिस्टम की एनओसी नही है।जिसके बाद स्वास्थ्य टीम ने जांच रिपोर्ट सीएचएमओ को सौंपी है।
वहीं सीएमएचओ ने जांच टीम के जांच अनुसार कार्यवाही करने बकायदे पत्र जारी कर बताया कि जिले भर में जिनके पास फायर एनओसी सिक्युरिटी सिस्टम की एनओसी नही है वे संस्थान 30 दिवस के भीतर एनओसी प्रस्तुत करें। इस बीच वे अपने अस्पताल का संचालन स्थगित भी रखे।

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