शहडोल (संवाद) जिले के थाना जयसिंहनगर के एक प्रधान आरक्षक को 7 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है। इन पर आरोप है कि यह फरियादी को किसी अपराध में फंसा देने का भय दिखाकर रिश्वत की मांग कर रहा था। जिससे प्रताड़ित होकर फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा से कर दी।
आज बुधवार को शहडोल जिले के थाना जयसिंहनगर में पदस्थ प्रधान आरक्षक वीरेंद्र तिवारी फरियादी राजकुमार कुशवाहा को पाक्सो एक्ट मामले में नाम जोड़ देने का भय दिखाकर रिश्वत की मांग कर रहा था फरियादी के द्वारा रिश्वत नहीं देने पर वह उसे फर्जी मामले में फंसा देने का डर और धमकी दे रहा था। जिसके बाद प्रधान आरक्षक से परेशान होकर फरियादी राजकुमार कुशवाहा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा से कर दी। लोकायुक्त की टीम के द्वारा शिकायत का सत्यापन किए जाने के बाद पूरे प्लानिंग के तहत प्रधान आरक्षक को 7 हजार की रिश्वत देने का प्लान बनाया और जैसे ही फरियादी के द्वारा प्रधान आरक्षक को रिश्वत की राशि 7 हजार उसके किराए के कमरे पर दी गई उसके तुरंत बाद लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्यवाही कर दी।
इस दौरान लोकायुक्त की कार्यवाही में प्रधान आरक्षक वीरेंद्र तिवारी को ₹7000 सहित रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद प्रधान आरक्षक बहुत घबरा गया जिससे उसकी बीपी बढ़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। लोकायुक्त रीवा की टीम में निरीक्षक जिया उल हक, डीएसपी पाठक सहित 12 सदस्यीत टीम ने संयुक्त रूप से कार्यवाही को अंजाम दिया है।