क्या सुश्री मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजह

उमरिया (संवाद)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा सभी जिलों में जिला अध्यक्ष नियुक्त किया जाना है जिसे लेकर हर दिन कोई ना कोई सुग-बुगाहट होती रहती है। हालांकि इस बार की तरह पहले कभी भाजपा जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के लेकर इतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ी है। इस बार जिस तरह से संगठन जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर सोच विचार और मंथन कर रहा है इसके पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया। वही यह भी नहीं देखा गया कि जब पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता जो मंत्री होने के साथ-साथ कई बार विधायक रहा है वह भी जिला अध्यक्ष की दावेदारी में एड़ी चोटी का दम लगाते दिखाई दे रहा है।
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क्या मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजहक्या मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजहक्या मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजहक्या मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजहक्या मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजहक्या मीना सिंह बनेगी भाजपा जिलाध्यक्ष.? यहां जानिए इसकी बड़ी वजह
दरअसल हम बात उमरिया जिले में बनने वाले भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष की कर रहे हैं, जहां दावेदारी की दौड़ में यहां की एक वरिष्ठ नेता जो कई बार विधायक रहने के साथ मंत्री भी रही है। वह भी भाजपा अध्यक्ष के पद की दावेदारी के लिए एड़ी चोटी का दम लगाते दिखाई दे रही है। बीते दिनों भाजपा कार्यालय में हुई रायशुमारी के दौरान जिले के मानपुर क्षेत्र की विधायक पूर्व मंत्री सुश्री मीना सिंह ने भी जिला अध्यक्ष के पद के लिए दावेदारी ठोक दी है।
विधायक सुश्री मीना सिंह के द्वारा भाजपा जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी करने के बाद जिले भर में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। संगठन और आम लोगों के द्वारा की जा रही चर्चाओं में यह कहां और सुना जा रहा है कि एक विधायक की जिम्मेदारी पर होते हुए भी उनके अध्यक्ष पद की दावेदारी कहीं से भी उचित नहीं है यह भी कहा गया कि संगठन ने उन्हें सब कुछ दिया कई बार से पार्टी विधानसभा का टिकट दिया और इस दौरान उन्हें दो बार मंत्री भी बनाया जा चुका है, जिसमें एक बार वह कैबिनेट मंत्री की भूमिका में भी रही है।
इतना सब मिलने के बाद भी वह भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए भी दावेदारी कर अध्यक्ष बनने के लिए एड़ी चोटी का दम लगा है। हालांकि उनके द्वारा जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी किन परिस्थितियों और किन वजहों से की जा रही है यह तो वही जाने.? लेकिन उनका नाम आने के बाद सियासत शुरू होने के साथ चर्चाओं का बाजार जरूर गर्म हो गया है।
इसकी एक बड़ी वजह यह भी समझ आती है कि इस बार भाजपा संगठन के द्वारा जिला अध्यक्ष के लिए महिलाओं और आदिवासी जिलों में आदिवासियों को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी, जिसमें जिले से भाजपा की आदिवासी नेत्री पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री ज्ञानवती सिंह के द्वारा उमरिया जिले के जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी की गई थी। शायद यही मुख्य वजह है कि कहीं सुश्री ज्ञानवती सिंह भाजपा जिला अध्यक्ष ना बन जाए इस कारण विधायक मीना सिंह ने भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी ठोक दी है।
बहरहाल भाजपा संगठन के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता मध्य प्रदेश के सभी जिलों के जिला अध्यक्षों के नाम के चयन में जुटे हैं जिसके लिए 2 व 3 जनवरी को बैठक कर नामों पर मंथन किया जाएगा, संभवत: इसी के बाद नामों की घोषणा भी कर दी जाएगी।वहीं सवाल यह कि उमरिया जिले में भाजपा जिला अध्यक्ष के रूप में किसकी नियुक्ति होगी यह तो घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन एक वरिष्ठ नेत्री 6 बार की विधायक 2 बार मंत्री रही सुश्री मीना सिंह ने जिला अध्यक्ष की दावेदारी कर अपनी किरकिरी जरूर करा रही है.?
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