UP की महिला चोर गिरोह ने दिया था घटना को अंजाम,36 घंटे के भीतर पुलिस ने गिरोह का किया पर्दाफाश

Editor in cheif
4 Min Read
प्रतीक रामचंद्रानी, टीकमगढ़ (संवाद)। 
जिला मुख्यालय में दिनदहाड़े बुजुर्ग के थैले को काटकर 80 रुपये  चोरी किये जाने के मामले को टीकमगढ़ पुलिस ने 36 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। जिसमे घटना में चोर गिरोह और चोरी गए रुपये बरामद कर चोरों पर कानूनी कार्यवाही की गई है। 
जिले में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही थी जिससे पुलिस पर भी सवालिया निशान लग रहे थे।लेकिन 3 अगस्त को पुलिस थाने दर्ज रिपोर्ट जिसमें जिला मुख्यालय में एक बुजुर्ग के द्वारा अपने सेंट्रल बैंक के खाते से 98 हजार निकालकर अपने घर जा रहा था। तभी रास्ते मे अज्ञात चोरों ने बुजुर्ग के थैले को काटकर 80 हजार रुपये चुरा जिसके बाद पूरे शहर हड़कंप मच गया था।सभी अपने आप को असुरक्षित मससुस कर रहे थे।लोंगो कहना था कि जब शहर के मुख्य जगह दिन दहाड़े चोरी हो सकती है। फिर रात में तो कोई भी सुरक्षित नही है। इन सब घटनाओं से पुलिस की भी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे के निर्देश और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम सत्या के मार्गदर्शन में बुजुर्ग के आने जाने वाले रास्ते का सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया। जिसके बाद बैंक के सामने ही 3 महिलाओं का गिरोह बुजुर्ग के पास खड़ा होता है वहीं पर उसके थैले को काटकर रुपये निकाल लिया जाता है। उसके बाद महिलाये वहां से कुछ दूर पैदल फिर 1ऑटो में बैठकर वहां से रवाना हो जाती है।
पुलिस के द्वारा लगातार प्रयास से ऑटो का पता किया जाता है जिसके बाद पुलिस के द्वारा ट्रेस की गई महिलाओं की पहचान कराई जाती है। जिसके बाद ऑटो ड्राइवर की पहचान से यह साफ हो जाता है कि इन्ही तीनो महिलाओं ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस के द्वारा महिलाओं से पुंछतांछ किये जाने पर वह महिलाये कभी यूपी के मऊरानीपुर तो कभी जबलपुर की रहने वाली बताती है। वहीं चोरी किये गए रुपयो में कुल 24 हजार ही बरामद हुए है और घटना में प्रयुक्त जर्ब बरामद किया गया है।
हालांकि चोर गिरोह की महिलाओं के पास से उनके पहचान का कोई भी दस्तावेज मौजूद नही है। उन्होंने अपना नाम प्रीति खंडारे, सोनम खंडारे और शेषा बाई खंडारे बताया है। पुलिस ने तीनों चोर महिलाओं को गिरफ्तार आगे की कार्यवाही कर रही है। इस कार्यवाही में निरीक्षक वीरेंद्र सिंह पवार, उपनिरीक्षक शैलेन्द्र सिंह सक्सेना,रघुराज सिंह, प्रधान आरक्षक कैलाश,राहुल पटैरिया, अनुराग सिंह,ध्रुव पटैरिया,आरक्षक पुष्पराज और मिथलेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
अब बड़ा सवाल यह उठता कि जब कोई वारदात या शातिर चोरी जैसी घटनाएं सामने आती है सबसे पहले लोंगो का दिमाग स्वभाविक तौर पर किसी पुरुष शातिर चोर की तरफ जाता है। और पुलिस या और कोई सबसे पहले पुरुष को ही टारगेट करते है। वो तो भला हो सीसीटीवी कैमरे का जिसने सच्चाई सामने ला दी नही तो उन चोर गिरोह महिलाओं का पर्दाफाश हो पाना मुश्किल रहा है।
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *