उमरिया/भोपाल (संवाद)। उमरिया जिले के आबकारी विभाग में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदस्थ रिनी गुप्ता को लोकायुक्त के द्वारा रिश्वत मामले में पकड़े जाने के बाद रिनी गुप्ता को संभागीय उड़न दस्ता सागर में पोस्टिंग करने के आदेश में संशोधन कर दिया गया है।अब रिनी गुप्ता आबकारी आयुक्त मुख्यालय ग्वालियर में अटैच की गई है। हालांकि इतनी बड़ी राशि रिश्वत के रूप में लिए जाने के बाद भी आबकारी अधिकारी का सस्पेंशन नहीं हो सका?

दरअसल बीते सप्ताह में उमरिया जिले के आबकारी विभाग में पदस्थ जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को लोकायुक्त टीम रीवा के द्वारा 1लाख 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैप किया था। इसके बाद मध्य प्रदेश शासन आबकारी विभाग के उप सचिव के द्वारा आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को निलंबित करने की बजाय उसकी संभागीय उड़न दस्ता सागर में पोस्टिंग कर दी गई थी।
मध्य प्रदेश शासन आबकारी विभाग के द्वारा जारी आदेश पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के द्वारा इसका विरोध किया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोर अधिकारियों की बल्ले बल्ले है। लोकायुक्त के द्वारा ट्रैप किए जाने के बावजूद भी आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को निलंबित करने की बजाय उसकी पोस्टिंग की जा रही है। इसके अलावा मीडिया में भी इस आदेश के खिलाफ समाचार छपते रहे है।

मामले का संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश शासन आबकारी विभाग के उप सचिव के द्वारा रिनी गुप्ता का पोस्टिंग वाले आदेश को 24 घंटे के अंदर संशोधित करते हुए नया आदेश जारी किया गया है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि आबकारी अधिकारी उमरिया रिनी गुप्ता को लोकायुक्त रीवा के द्वारा 1.20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने का मामला दर्ज किया है। इस आधार पर आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को मुख्यालय आयुक्त आबकारी विभाग ग्वालियर में अटैच किया गया है। हालांकि आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता के द्वारा इतनी बड़ी रकम रिश्वत के तौर पर ली जा रही थी जिसे लोकायुक्त टीम रीवा ने रंगे हाथ पकड़ा है इसलिए हाथ से रिनी गुप्ता का सस्पेंशन होना चाहिए?
