उमरिया (संवाद)। जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र से लगे ग्राम मचखेता में बीती शाम बाघ के हमले से एक युवक की मौत हो गई थी। जिसके बाद मचखेता गांव और आसपास के इलाके के ग्रामीणों ने बांधवगढ़ प्रबंधन के खिलाफ विरोध में उतर आए थे। इस दौरान वह ना तो युवक के शव को उठाने दिया और ना ही किसी की बात मानने को तैयार थे। ग्रामीणों के विरोध को बढ़ता देख मध्य प्रदेश शासन की मंत्री और क्षेत्रीय विधायक मीना सिंह, कलेक्टर बुद्धेश वैद्य सहित बांधवगढ़ प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, जहां मंत्री मीना सिंह की समझाइस और बांधवगढ़ प्रबंधन को दिए गए निर्देश के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होते दिखाई दे रही है।
दरअसल बीते कुछ महीनों से मचखेता गांव सहित आसपास के इलाके के लोग बाघ और जंगली जानवरों से खासा परेशान है एक तो जंगली जानवर उनकी फसलों को बर्बाद कर देते हैं तो वहीं बाघ जैसे हिंसक जानवर ग्रामीणों को अपना निवाला बना रहे हैं। बीते शाम भी कुछ ऐसे ही घटना सामने आई है जहां मच खेता निवासी राजबहोर सिंह मवेशी चराने गया था, जहां झाड़ियों में छुपे भाघ ने उस पर हमला कर दिया। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई, इसके पहले भी बीते कुछ महीनो में इस इलाके के लगभग चार लोगों को बाघ ने अपना निशाना बनाया है।
इस घटना के कुछ दिन पहले ही इसी गांव के एक वृद्ध को बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। तब भी ग्रामीणों के द्वारा बांधवगढ़ प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जताई थी। लेकिन उस दौरान भी इन्हीं मंत्री मीना सिंह की समझाइश और आश्वासन के बाद ग्रामीण मान गए थे। लेकिन उसके महीने भर में यह घटना हो गई जिसमें एक 35 वर्षीय युवक की जान चली गई है। गुस्सा ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची पुलिस और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बफर जोन मानपुर के रेंजर को बेरिंग वापस लौटा दिया और उन्हें युवक का शव भी उठाने नहीं दिया।
आज सुबह से ही गुस्साए ग्रामीणों ने युवक का शव रख विरोध प्रदर्शन में उतर आए हजारों की तादाद में जुटे लोगों की मांग है कि बांधवगढ़ प्रबंधन और जिला प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा और जंगली जानवरों की देखरेख में कोई यथा उचित निर्णय ले, जिससे बेवजह ग्रामीण बाघ का निवाला ना बने। हालांकि मौके पर मध्यप्रदेश शासन की जनजातिय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह और जिले के कलेक्टर बुद्धेश वैद्य पहुंचे हैं। जहां वह ग्रामीणों को समझाइश देने के साथ मुआवजा राशि और गांव की तरफ बाघिया जंगली जानवर ना आ सके, इसके लिए फेंसिंग लगाने के निर्देश बांधवगढ़ प्रबंधन को दिए गए हैं।