मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाते हुए सतना जिले के कोतवाली थाना प्रभारी को 1 हजार फलदार पौधे लगाने की अनोखी सजा सुनाई है। सतना कोतवाली थाना प्रभारी रावेन्द्र द्विवेदी के द्वारा समय पर कोर्ट का नोटिस तामील नहीं किया गया था, जिस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया। और जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी को आदेश दिया कि वे आगामी दो माह के भीतर 1000 फलदार पौधे लगाएं।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि लगाए गए पौधों की देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी भी थाना प्रभारी की ही होगी। कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें सरकारी अफसरों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की गई थी। इस फैसले को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। हाईकोर्ट के इस फैसले की कानूनी और सामाजिक क्षेत्रों में काफी सराहना हो रही है, क्योंकि यह न केवल लापरवाही पर अंकुश लगाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाएगा।
दरअसल, यह पूरा मामला अक्टूबर 2021 का है। सतना की जिला अदालत ने आरोपी रामअवतार चौधरी को नाबालिग से दुराचार के मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। 30 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट ने पीड़िता को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी द्वारा यह नोटिस समय पर तामील नहीं कराया गया, जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। थाना प्रभारी ने पीड़िता को नोटिस तामील न कराने के लिए माफी मांगते हुए कोर्ट से यह भी कहा कि वह पुलिस महानिरीक्षक द्वारा लगाई गई पांच हजार की जुर्माना राशि का भुगतान करेंगे और स्वयं 1000 पौधे लगाएंगे।
सतना जिले के चित्रकूट क्षेत्र में 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 के बीच लगाए जाएं। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि लगाए गए पौधों की देखभाल एक साल तक स्वयं थाना प्रभारी करेंगे, ताकि पौधे अच्छे से विकसित होकर स्थापित हो सकें। साथ ही थाना प्रभारी को सभी पौधों की तस्वीरें और उनकी जीपीएस लोकेशन के साथ एक अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट के साथ सतना एसपी का शपथ-पत्र भी संलग्न किया जाए, जिसमें एसपी पौधारोपण स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट देंगे। अब 16 सितंबर 205 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।