MP’: विधायक की टिकट से ज्यादा भाजपा जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही माथापच्ची, जानिए कहाँ फंसा पेंच और कब होगी घोषणा

MP (संवाद)। मध्य प्रदेश में बीते 3 महीनों से भारतीय जनता पार्टी के संगठन में पदाधिकारियों को लेकर किये बदलाव मैं जमकर माथापच्ची हो रही है। पहले मंडल अध्यक्षों को लेकर मंथन का दौर चला और उसके बाद अब जिला अध्यक्ष को लेकर जिलों से लेकर राजधानी भोपाल और दिल्ली तक बैठको का दौर चल रहा है। शायद इतनी माथापच्ची तो विधानसभा के टिकटों को लेकर भी नहीं की जाती रही है।
दरअसल मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के संगठन में बदलाव और नई नियुक्तियां को लेकर मंथन चल रहा है जिला स्तर पर चुनाव अधिकारी बनाए गए इसके बाद राय शुमारी का भी दौड़ चला। उस पर भी बात नहीं बनी तो पैनल के माध्यम से भाजपा जिला अध्यक्षों के दावेदारों के द्वारा दावेदारी की गई। अब उसे लेकर राजधानी भोपाल में बैठकों का दौर चल रहा है।
भाजपा जिला अध्यक्षों की घोषणा को लेकर रोज नई तारीखों का ऐलान किया जा रहा है। लेकिन वह तारीख नहीं आ पा रही है जिस दिन घोषणा की जा सके। सबसे पहले साल 2024 के आखिरी समय से पहले जिला अध्यक्षों की घोषणा होने वाली थी इसके बाद इसे साल 2025 यानी नए साल के एक या दो तारीख को घोषणा होने वाली थी लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सकी। अब संभवत: 5 जनवरी से 7 जनवरी के बीच घोषणा किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है ।
पिछले समय में पता ही नहीं चल पाता था और भाजपा संगठन के आला कमान के द्वारा जिला अध्यक्ष की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार बकाया दी वोटिंग और राय शुमारी करा कर दावेदारों का पैनल तैयार किया गया है। जिसके चलते दावेदारों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है उमरिया जिले की बात करें तो लगभग तीन दर्जन दावेदारों ने जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी की है।
यही हाल मध्य प्रदेश के अन्य जिलों का रहा है, शायद यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी में अब विधानसभा के विधायक की टिकट से ज्यादा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में माथापच्ची करना पड़ रहा है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में 2 और 3 जनवरी को इस पर मंथन किया गया है, जिसमें बताया जा रहा है कि प्रदेश के सभी जिलों के जिला अध्यक्षों के नाम तय कर लिए गए हैं। लेकिन अब इस सूची को दिल्ली भेजा जा रहा है, जहां सूची फाइनल होने के बाद ही जारी की जा सकती है.?
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