खनिज माफिया के दबाव में आकर बेगुनाह पर NSA लगाने का आरोप, हाईकोर्ट ने कलेक्टर पर लगाया 2 लाख का जुर्माना

Editor in cheif
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जबलपुर (संवाद)। मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट जबलपुर ने कलेक्टर शहडोल केदार सिंह के ऊपर 2 लाख का जुर्माना लगाया है। कलेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने रेत माफियाओं के दबाव के चलते एक बेगुनाह के ऊपर सा लगाया था। जिसे एक साल तक जेल में बंद रखा गया। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि कलेक्टर के गलत निर्देश के चलते एक बेगुनाह को साल भर जेल में रहना पड़ा इसलिए जुर्माने की राशि सीधे पीड़ित को दी जाएगी।

बताया गया कि शहडोल जिले के ब्योहारी तहसील के सुशांत बैस पिता हीरामणि बैस के खिलाफ शहडोल कलेक्टर ने NSA की कार्यवाही की थी, उनके इस कार्यवाही से उसे 1 साल तक जेल में रहना पड़ा। इस मामले में हाईकोर्ट में कलेक्टर के आदेश को लापरवाही माना है। कोर्ट में मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा है मामला 9 सितंबर 2024 का है।

मामले में जब कोर्ट ने कलेक्टर से जवाब मांगा तब कलेक्टर और अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी ने कोर्ट में गलत जवाब दिया और गुमराह करने की कोशिश की है। यशिका करता के वकील रामेंद्र पाठक ने बताया कि कलेक्टर शहडोल ने रेट ठेकेदारों के दबाव में आकर नियम कानून के धज्जियां उड़ाकर मनमाना आदेश जारी कर दिया पीड़ित को स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि उसके खिलाफ कलेक्टर ने NSA की कार्रवाई की है, इसलिए उसे वह सेंट्रल जेल रीवा भेज रहे हैं।

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वकील ने बताया कि 23 तारीख को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कलेक्टर और एसपी को तलब किया गया था दोनों कोर्ट में उपस्थित हुए जिसमें कलेक्टर केदार सिंह ने अपनी गलती मानी है। वहीं एसपी के प्रतिवेदन में जी नीरज कांत द्विवेदी का उल्लेख किया गया था उसकी जगह कलेक्टर ने सुशांत बैस के खिलाफ NSA की कार्यवाही कर दी। कोर्ट ने माना कि कलेक्टर ने लापरवाही के चलते यह गलती की है। लेकिन स्टेट अथॉरिटी ने भी बिना वेरीफाई किये मामले को एक्सटेंड कैसे कर दिया। इसके बाद एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने गलत चीजे पेश की कलेक्टर ने भी गलत तथ्य सामने लाये और झूठी जानकारी देकर एफिडेविट पेश किया है।

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