शिक्षिका आशा तिवारी खेल खेल में बच्चों को प्रदान कर रहीं शिक्षा

Editor in cheif
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उमरिया।। शिक्षक का छात्र के जीवन में वैसा ही महत्व है जैसे उसके जीवन में उसके माता-पिता का।शिक्षक ही वो कड़ी है जो एक छात्र के बेहतर जीवन का निर्माण करने में महती भूमिका निभाता है। शिक्षक छात्रों के दूसरे अभिभावक होते है जो उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करके उच्च पदों तक पहुचाने में उनकी सहायता करते है।

पीएम श्री शासकीय कन्या उमावि चंदिया में पदस्थ शिक्षिका आशा तिवारी का बच्चों के साथ ऐसा ही लगाव है।शिक्षिका व्दारा बच्चों को खेल गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। स्कूल में शिक्षिका व्दारा बच्चों को खेल के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के कार्य की सर्वत्र सराहना हो रही है। बच्चे पढाई में रूचि लेते हुए नियमित स्कूल पहुंच रहे हैं और अपने अध्यापन का कार्य कर रहे है ।

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उन्होने बताया कि प्रवेश उत्सव के लिए ग्रीष्म अवकाश में बिना किसी शिक्षक को बुलाए ग्राम के जन प्रतिनिधियों की मदद से साफ सफाई करवाई । इसके साथ ही शौचालय की साफ सफाई पानी के टैंक की व्यवस्था, विद्यालय का रंग रोगन,सुविचार ,प्रार्थना, मध्य प्रदेश गान लिखवाना,छत पर जमा मलवा हटवाया, विद्यालय के पुराने यूजलेस सामान को पुनः उपयोग लायक बनवाया।

ग्राम में समस्त पदाधिकारी सरपंच सचिव उपसरपंच स्व सहायता समूह के सदस्य , विद्यालय की रसोइया ग्राम के सम्मानित नागरिक और भूतपूर्व छात्र जो सफलता प्राप्त कर चुके हैं उनका एक पर्सनल ग्रुप बनाया उसमें विद्यालय में होने वाले हर कार्य की जानकारी मेरे द्वारा दी जाती है। बैठक में उन्हें बुलाना हो या कोई छात्र यदि लंबे समय तक अनुपस्थित हो तो गांव के समस्त प्रतिनिधियों को उसकी जानकारी देने का कार्य किया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा नियमित जनसंपर्क किया जाता है।प्रतिमाह शिक्षकों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाता है।

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ग्राम में दो छात्राएं ऐसी थी जो 8 वर्ष की हो गई थी उनकी माँ किसी और गांव से आकर बस गई थी उसका एडमिशन नहीं हो रहा था ।आधार न होने के कारण उसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से सहयोग प्राप्त करके उनका आधार बनवाकर उन्हें विद्यालय में प्रवेश दिलवाया।हर सप्ताह बाल कैबिनेट की बैठक लेना शनिवार को बालसभा में विभिन्न गतिविधियों का एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रिकार्ड संधारित किया जाता है ।

बच्चों को भयमुक्त वातावरण और सक्रिय कक्षा का माहौल तैयार करने के लिए नवाचार किया गया । बच्चों की छोटे-छोटे वीडियो बनाने लगी जिससें बच्चे प्रतिदिन स्कूल आने लगे । विद्यालय के सभी बाल कैबिनेट के सदस्यों एवं कक्षा प्रतिनिधियों को अपने द्वारा अपने विद्यालय का बैच प्रदान करना जिससे छात्रों में उत्साह वर्धन हुआ और छात्र और ज्यादा सजग होकर खुशी-खुशी कार्य करते है । छात्रों के जन्म दिवस पर तिलक लगाकर उन्हें भेंट देना एवं उनके साथ कक्षा में फोटो लिया करती थी और उन्हें सम्मान प्रदान करती थी इस परंपरा की शुरुआत की गई ।

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इसी तरह महत्वपूर्ण जयंती की जानकारी देने कक्षाओं का नाम सभी महापुरुषों के नाम पर विद्यालय में लिखवाया गया है।विद्यालय में शिक्षक दिवस एवं बाल दिवस का हमेशा आयोजन करने, बच्चों को करके सीखने पर जोर देना,ग्रुप लर्निंग इस पर विशेष बल देने का कार्य किया गया। अतिशेष में नाम आने के कारण मनोबल गिर गया जिससे मेरे काम की स्पीड भी कम हो गई थी इसके पश्चात विद्यालय का प्रभार अन्य शिक्षक को सौंपने का कार्य किया। मैं शिक्षक के पद पर कार्य करते हुए बहुत खुश हूं।

प्रस्तुतकर्ता
अरुणेंद्र सिंह,जनसंपर्क अधिकारी उमरिया।

 

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