उमरिय। बीते दिनों कांग्रेस पार्टी के द्वारा जिलों के अध्यक्ष की सूची जारी की गई है जिसमे उमरिया जिले में इंजीनियर विजय कोल को कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। तभी से कांग्रेस पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इसके बाद अब शिकवा-शिकायत का भी दौर शुरू हो गया है। विरोध कर रहे नेताओं का कहना है कि वह पार्टी फोरम में इस मसले को उठाएंगे।
नेताओं का कहना है कि पार्टी के नेता राहुल गांधी की मंशा रही है कि जिस जिले में जिसकी जितनी आबादी उतनी उसकी भागीदारी। इसके लिए संगठन ने पर्यवेक्षक भेज कर संगठन सृजन करने का निर्णय लिया। पर्यवेक्षक भी इस बात से अवगत हुए की जिले में किस वर्ग की ज्यादा आबादी है, लेकिन जब बात जिला अध्यक्ष बनाने की आई तब उमरिया जिले में इसका उल्टा हो गया।
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नेताओं ने बताया कि उमरिया जिले में आदिवासी समाज गोंड और बैगा बहुतायत में है। यहाँ लगभग 60% से ज्यादा इस समाज के लोग निवास करते हैं। इस लिहाज से संगठन के द्वारा इस वर्ग से जिले का पदाधिकारी बनाया जाना था। लेकिन पता नहीं क्यों 5 प्रतिशत आबादी वाले वर्ग को कांग्रेस पार्टी ने जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की स्थिति जिले में कैसी होगी यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
नेताओं ने बताया कि प्रदेश संगठन के द्वारा जिला अध्यक्ष बनाए गए विजय कोल अक्सर शहर से बाहर रहते हैं उनका डेरा भोपाल में रहता है। जब कभी कोई बड़े नेता उमरिया आते है तब वह भी उमरिया आ जाते हैं। इसके बाद जैसे ही नेता जाते हैं तो वह भी रवाना हो जाते हैं। ऐसे में जिले का संगठन कितना मजबूत और सक्रिय रहेगा कहा नहीं जा सकता.? नेताओं ने बताया कि आने वाले समय में होने वाले विधानसभा सहित अन्य चुनाव में भी इसका गहरा असर पड़ेगा और पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नेताओं ने बताया कि इस मसले की शिकायत पार्टी फोरम में प्रदेश अध्यक्ष,राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराएंगे। उन्होंने कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ नेता से मांग की है कि जिले में हुए जिला अध्यक्ष की नियुक्ति मामले को गंभीरता से लें और पुनः विचार पार्टी हित में आवश्यक निर्णय करे।