शहडोल/उमरिया (संवाद)। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में मासूम और छोटे बच्चों को गर्म सलाखों या गर्म चूड़ियों से टांगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर एक मासूम के पेट को गर्म चूड़ियों से दागने और उसके बाद उससे पहले इन्फेक्शन की वजह से उसकी जान चली गई। मासूम को देखने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे 21 दिसंबर को शहडोल स्थित चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था जिसने 29 दिसंबर को अपने अंतिम सांस ली है।
Shahdol:मासूम के पेट को गर्म चूड़ी कई बार दागा, इंफेक्शन से मासूम की हुई मौत
दरअसल दगना कुप्रथा आदिवासी अंचलों में जड़ जमाये हुए है। जब छोटे मासूम बच्चों की तबीयत बिगड़टी है या निमोनिया जैसी कोई शिकायत होती है, तब ज्यादातर ग्रामीण इलाके के आदिवासी गांव के ही किसी दाई से मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दबाया जाता है या कभी गर्म चूड़ियों से दागा जाता है। लेकिन मासूम के साथ किए अत्याचार या अपराध से मासूम ठीक होने की बजाय संक्रमण की चपेट में आ जाता है। इसके बाद परिजन अस्पताल लेकर तो पहुंचते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में मासूम की मौत हो जाती है।
Shahdol:मासूम के पेट को गर्म चूड़ी कई बार दागा, इंफेक्शन से मासूम की हुई मौत
एक ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है जहां शहडोल जिले की बंधवा में रहने वाली रामबाई अपने मायके उमरिया जिले के बकेली गांव गई थी, जहां उसके लगभग डेढ़ माह के मासूम बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। इलाज के अभाव में उसके मायके वालों ने गांव की ही एक दाई को बुला कर ले आए। इसके बाद दाई ने गर्म चूड़ियों से मासूम के पेट को कई बार दागा है। थिस कारण मासूम बच्चा इन्फेक्शन की चपेट में आ गया।
Shahdol:मासूम के पेट को गर्म चूड़ी कई बार दागा, इंफेक्शन से मासूम की हुई मौत
बाद में मासूम बच्चे को शहडोल स्थित जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। मासूम बच्चों के पेट में कई सारे दागने के निशान थे और उसका पेट में सूजन दिखाई दे रही थी इसके अलावा बच्चों की सांस काफी तेजी से चल रही थी अस्पताल के डॉक्टरों ने मासूम बच्चे को आईसीयू में भर्ती कराया था। जहां उसका इलाज किया जा रहा था लेकिन लगभग सप्ताह भर भर्ती रहने के बाद भी मासूम बच्चे को नहीं बचाया जा सका और उसकी 29 दिसंबर को मौत हो गई।