“गर्मी के दस्तक के साथ ही मध्य प्रदेश में जलसंकट की खबरें आने लगी हैं. प्रदेश के डिंडौरी जिले में पीने का पानी की जरूरत पूरी करने के लिए महिलाओं को 2 बजे रात से ही कुएं पर कतार लगानी पड़ती है. कई बार तो कुआं ग्रामीणों की प्यास भी नहीं बुझा पाता है. ऐसे में कुएं की तलहटी में जमा मटमैले पानी से ही लोगों को काम चलाना पड़ता है।”

हैंडपंप से सिर्फ दो-तीन बाल्टी पानी
गांव के स्कूल में एक हैंडपंप है. इससे सिर्फ दो तीन बाल्टी पानी ही निकलता है. ग्रामीणों का कहना है की उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर, मंत्री तक पानी की समस्या को लेकर कई बार शिकायत की लेकिन अबतक समस्या का समाधान नहीं हो पाया. क्षेत्र के सांसद व पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते इस मामले में बात करने पर बचना चाहते हैं. हालांकि शहपुरा एसडीएम काजल जावला का कहना है कि जल्द ही समस्या का निराकरण कराया जाएगा।
डिंडौरी जिले में गर्मी के शुरुआत में ही जलसंकट को लेकर ग्रामीणों ने कहीं चक्काजाम किया तो कहीं ग्रामीणों को खाली बर्तन लेकर सरकारी दफ्तरों का घेराव करने पर मजबूर होना पड़ा है. बावजूद इसके जल ही जीवन है का नारा अलापने वाला पीएचई विभाग का अमला और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
सरकार ने चला रखा है अभियान
मप्र में राज्य सरकार हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत काम कर रही है. हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत किए गए बजट में भी इसका उल्लेख खास तौर से किया गया. राज्य का बुरहानपुर पहला ऐसा जिला है जहां हर घर में नल से पानी पहुंचता है. ऐसी ही सुविधा की दरकार डिंडौरी के जलसंकट से जूझने वाले ग्रामीणों को भी है.
Source:news18