MP (संवाद)। आज के दौर में जहां करोड़पति और अरबपति लोग ही राजनीति में सफल हो पा रहे हैं। लेकिन क्या इस दौर में कभी गरीब का बेटा भी विधायक बन सकता है.? जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश की जहां एक गरीब और मजदूर का बेटा विधायक बन गया है। 3 दिसंबर को आए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में मध्यप्रदेश की एक विधानसभा से एक मजदूर का बेटा चुनाव जीता है। जबकि वह ना तो कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार रहा है और ना ही भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार रहा है।
MP News:आज के दौर में क्या कभी मजदूर का बेटा भी बन सकता है विधायक.? यहां जानिए ऐसा करिश्मा कहां हुआ
दरअसल मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में रहने वाले मजदूर मां के बेटे कमलेश्वर डोडियार इस बार की 2023 विधानसभा चुनाव में रतलाम की सैलाना विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए। इस दौरान न सिर्फ उसने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं को पछाड़ दिया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश में लाडली बहनों के असर को भी दरकिनार कर दिया। कमलेश्वर डोडियार ने सभी समीकरणों को पछाड़ते हुए अच्छे मतों से जीत हासिल की है।
MP News:आज के दौर में क्या कभी मजदूर का बेटा भी बन सकता है विधायक.? यहां जानिए ऐसा करिश्मा कहां हुआ
इस दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह रही की बीते 3 दिसंबर को जब मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की मतगणना की जा रही थी तब कमलेश्वर की मां सीताबाई मजदूरी करने गई हुई थी। उस समय जब रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा की काउंटिंग की जा रही थी और धीरे-धीरे कमलेश्वर डोडियार मतों की गिनती में आगे बढ़ने लगे और उनकी जीत पक्की मानी जाने लगी। तब किसी ने मजदूरी कर रही उसकी मां को बताया कि तुम्हारे बेटे कमलेश्वर विधायक बनने जा रहे हैं। तब भी उसकी मां को भरोसा नहीं हुआ और वह अपने मजदूरी में लगी रही। अंततः जब उसके बेटी की जीत सुनिश्चित हो गई और 4618 मतों से जीत की घोषणा की जा चुकी थी, तब जाकर उसकी मां खुशी से फूली नहीं समाई।
MP News:आज के दौर में क्या कभी मजदूर का बेटा भी बन सकता है विधायक.? यहां जानिए ऐसा करिश्मा कहां हुआ
रतलाम के सैलाना विधानसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार बीते कुछ वर्षों से क्षेत्र में आदिवासी गरीबों की मदद का काम किया करते थे। इस बीच वह अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा से प्रभावित होकर राजनीति करने का मन बनाया और उन्हीं की प्रेरणा से गांव मोहल्ले में लोगों की मदद करने वाले 33 वर्षीय कमलेश्वर ने 2023 के विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया। चुनाव के दौरान उन्होंने कहा कि तत्कालीन विधायक हर्ष विजय गहलोत ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। इसके अलावा कमलनाथ के द्वारा किसानों की कर्ज माफी के दिए गए सर्टिफिकेट के बावजूद खातों में लोन का पैसा नहीं आया। इस कारण किसानों को बैंक से दोबारा लोन नहीं दिया गया।
MP News:आज के दौर में क्या कभी मजदूर का बेटा भी बन सकता है विधायक.? यहां जानिए ऐसा करिश्मा कहां हुआ
लेकिन सबसे प्रमुख बात यह है कि आज के समय में भी लोकतंत्र जिंदा है और यह मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के मतदाताओं ने साबित कर दिया। इस क्षेत्र के लोगों ने जहां राजनीति में माहिर बड़े-बड़े करोड़ और अरबपति दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखाया है वही देश-प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लाडली बहना के असर को दरकिनार किया है। वहीं एक झोपड़ी में रहने वाले मजदूर मां के बेटे कमलेश्वर को उन्होंने अपना विधायक चुना है।