सागर (संवाद)। मध्य प्रदेश के एक जिले में दहकते अंगारों मैं नंगे पैर चलने की प्रथा आज भी विद्दमान है।अंगारो में नंगे पैर निकले और किसी को आंच भी नही आई इसे आस्था में विश्वास और एक चमत्कार के सिवाय और कुछ नहीं कहा जा सकता है। ऐसी ही आस्था का जन सैलाब सागर जिले के सिलारी गांव में देखने को मिला जहां पिछले 30 सालों से प्रसिद्ध हनुमान राम मंदिर परिसर में अंगारों से दहकते कुंडों में से 22 श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर नंगे पैर हल्दी डालते हुए दौड़ लगाई।
MP: यहां आज भी है दहकते अंगारो में चलने की परंपरा, आस्था या अंधविश्वास
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मान्यता है कि भगवान हनुमान जी के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। अगहन मास की अमावस्या के दिन ग्राम सिलारी में अग्नि मेले का आयोजन किया जाता है। दो दिवसीय अग्नि मेले के पहले दिन 22 श्रद्धालु जय हनुमान की जय कारे लगाते हुए अग्नि कुंडों में से नंगे पैर निकले।
MP: यहां आज भी है दहकते अंगारो में चलने की परंपरा, आस्था या अंधविश्वास
छात्र श्रद्धा ने बताया कि अंगारों से निकलने के बाद उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई, पैरों में छाले नहीं आए। हनुमानजी उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। इसी तरह छात्रा सोनम ने बताया कि पहली बार अंगारों पर से निकली हूं। उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, अंगारों से निकलने पर पैर नहीं जले।
MP: यहां आज भी है दहकते अंगारो में चलने की परंपरा, आस्था या अंधविश्वास
आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि वह 2002 से यहां अग्नि कुंडों में से निकलते आ रहे हैं। हनुमानजी की कृपा से उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर के पुजारी राजेश पाठक ने बताया कि सिलारी में हनुमान मंदिर परिसर में पिछले 30 साल से अग्नि मेले का आयोजन चल रहा है।