MP BJP: एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला होगा लागू, सांसद विधायक होंगे कार्यकारणी में नए चेहरों को मिलेगी जगह,शीर्ष नेताओं से मिली हरी झंडी

Editor in cheif
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MP (संवाद)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब कार्यकारिणी के गठन को लेकर हलचल तेज होते दिखाई दे रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो इस बार संगठन में कुछ नया होने वाला है  वैसे भी भाजपा का एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला रहा है और संभवतः इस बार की कार्यकारिणी में यह नजर आने वाला है। हेमंत खंडेलवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उनके दिल्ली दौरे के दौरान कार्यकारणी के गठन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा उपरांत उन्हें गठन की प्रक्रिया करने हरी झंडी मिल गई है।
सूत्रों की माने तो भाजपा संगठन में इस बार बड़े बदलाव होने की पूरी संभावना है। पार्टी के द्वारा एक व्यक्ति एक फार्मूला लागू करते हुए संगठन में कई वर्षों से काम कर रहे नेताओं को कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। अभी तक कार्यकारिणी में सांसद, मंत्री और विधायकों को शामिल किया जाता रहा है। अभी भी भाजपा की कार्यकारिणी में 7 सांसद, 1 कैबिनेट मंत्री और 6 विधायक विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। लेकिन इस बार संभवतः मुक्त कर दिए जाएंगे।
बीते दिनों हेमंत खंडेलवाल प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वह दिल्ली दौरे पर पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलने पहुंचे हुए थे, इस दौरान उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी मौजूद रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने शीर्ष नेताओं से मध्य प्रदेश में भाजपा की कार्यकारिणी के गठन को लेकर भी चर्चा की है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शीर्ष नेताओं के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को कार्यकारिणी गठन को लेकर हरी झंडी मिल चुकी है।
अब माना जा रहा है कि एक महीने के भीतर मध्य प्रदेश में भाजपा कार्यकारिणी का गठन किया जा सकेगा, इसे लेकर संगठन में सियासत तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि इस बार संगठन में ऐसे कार्यकर्ताओं को लाया जाएगा जिनकी जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत हो, वह भले ही चर्चा में ना हो, लेकिन प्रभावी हो, ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह मिल सकती है। यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश के कार्यकारिणी के गठन के बाद मोर्चा संगठनों में भी बदलाव संभव है। मोर्चा संगठनो में भी नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।
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