MP: एक बाबू को कलेक्टर ने बना दिया चपरासी,चारों ओर हो रही तारीफ-कलेक्टर हो तो ऐसा

MP (संवाद)। मध्य प्रदेश में एक कलेक्टर के द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की एक बाबू को चपरासी बना देने का मामला सामने आया है। कलेक्टर के इस आदेश से उनकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है। वहीं लोगों के द्वारा यह कहा जा रहा है कि कलेक्टर हो तो ऐसा। यह पूरा मामला मध्य प्रदेश की बुरहानपुर जिले का है।
दरअसल बुरहानपुर जिले में महिला बाल विकास के अंतर्गत आंगनवाड़ी में सहायिका की भर्ती की जा रही थी इस दौरान महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी कार्यालय खकनार में पदस्थ बाबू सुभाष काकड़े के द्वारा अभ्यर्थियों से रिश्वत मांगी जा रही थी जिसकी जानकारी जिले की कलेक्टर भव्या मित्तल को हो गई। मामला सही पाए जाने पर कलेक्टर के द्वारा सिविल सेवा वर्गीकरण एवं नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 10 के आधार पर प्रावधानित दीर्घशास्ति के तहत यह कार्रवाई की है।
इसके पहले जुलाई 2024 में बाबू सुभाष काकड़े के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जा चुकी है और मामले की जांच के लिए अपर कलेक्टर और परियोजना अधिकारी को सौंप गई थी। इसके बाद 6 महीने तक वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आदेश जारी किया गया जिसमें बाबू सुभाष काकड़े को परियोजना अधिकारी नेपानगर कार्यालय में चपरासी के पद पर पदस्थ किया गया है। बताया गया कि इससे पहले बाबू सुभाष काकड़े को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था।
लेकिन उसके द्वारा संतोषप्रद स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिसके कारण उसे मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन माना है और वित्तीय लाभ लेने की श्रेणी में आता है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर भव्या मित्तल के द्वारा बाबू सुभाष काकड़े का डिमोशन करते हुए बाबू से चपरासी बना दिया है।
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