MP: रिश्वतखोर का अजब कारनामा,रिश्वत में मिले रुपये चबाकर खा गया पटवारी,हाथ मलते रह गई लोकायुक्त

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कटनी (संवाद)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक अजब कारनामा सामने आया है। जिसमें रिश्वतखोर पटवारी रिश्वत लेते लोकायुक्त के द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद वह रिश्वत की राशि साढ़े 4 हजार चबाकर खा गया। बताया गया कि पटवारी शिकायतकर्ता से जमीन के सीमांकन के लिए 5 हजार की रिश्वत मांगी थी। जिसमें उसे साढ़े 4 हजार देने के दौरान लोकायुक्त की धरपकड़ कार्यवाही होते देख पटवारी ने 5 सौ के 9 नोट चबाकर हजम कर लिया। वही रिश्वतखोर पटवारी को रंगे हाथ पकड़ने आई लोकायुक्त की टीम हाथ मलते रह गई।

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कटनी (संवाद)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक अजब कारनामा सामने आया है। जिसमें रिश्वतखोर पटवारी रिश्वत लेते लोकायुक्त के द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद वह रिश्वत की राशि साढ़े 4 हजार चबाकर खा गया। बताया गया कि पटवारी शिकायतकर्ता से जमीन के सीमांकन के लिए 5 हजार की रिश्वत मांगी थी। जिसमें उसे साढ़े 4 हजार देने के दौरान लोकायुक्त की धरपकड़ कार्यवाही होते देख पटवारी ने 5 सौ के 9 नोट चबाकर हजम कर लिया। वही रिश्वतखोर पटवारी को रंगे हाथ पकड़ने आई लोकायुक्त की टीम हाथ मलते रह गई।दरअसल मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों की रिश्वतखोरी चरम पर है। वहीं लगातार लोकायुक्त टीम के द्वारा की जा रही धर पकड़ कार्यवाही से जहां प्रदेश में हड़कंप मचा है। वही अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक ऐसा ही मामला कटनी जिले में देखने को मिला है, जहां बिलहरी हल्का के पटवारी गजेन्द्र सिंह के द्वारा भूमि का सीमांकन करने के एवज में फरियादी से ₹5000 की मांग कर रहा था। फरियादी के द्वारा अपनी गरीबी बताने के बावजूद भी वह उसके जमीन का बिना पैसे लिए सीमांकन करने को तैयार नहीं था।        (Vedio में देखिए रुपये चबाते पटवारी)इससे परेशान होकर फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से कर दी। शिकायत का परीक्षण और बातचीत के ऑडियो की जांच उपरांत लोकायुक्त टीम ने पटवारी को रंगे हाथ पकड़ने रणनीति तैयार की। जिसमें सोमवार को सुबह फरियादी चंदन लोधी रिश्वत की राशि साढ़े 4 हजार रुपए लेकर पटवारी गजेंद्र सिंह के पास पहुंचा और रिश्वत की राशि दे दी। जिसके बाद फरियादी के बाहर निकलने और वहां मौजूद लोकायुक्त टीम को इशारा करने के पश्चात टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को पकड़ने धावा बोल दिया। इस दौरान पटवारी को इसकी भनक लग गई। पटवारी को जब कुछ नहीं सूझा तब वह टीम के सामने ही 5 सौ के 9 नोट यानी साढ़े 4 हजार रुपये मुंह में डालकर चबाकर हजम कर लिया।लोकायुक्त टीम जब तक कुछ समझ पाती तब तक वह नोट को चबाकर हजम कर चुका था। आनन-फानन में लोकायुक्त टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को लेकर हॉस्पिटल पहुंची जिससे उसके पेट से नोट निकाला जा सके। लेकिन यह संभव नहीं हो सका, डॉक्टरों ने भी बताया कि ऐसा हो पाना संभव नहीं है हालांकि आरोपी पटवारी के खिलाफ शिकायत और उसमें वॉइस रिकॉर्डिंग से साबित होता है कि उसके द्वारा रिश्वत मांगी और ली गई थी। जिससे लोकायुक्त टीम ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है और आगे की कार्यवाही की गई है।
दरअसल मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों की रिश्वतखोरी चरम पर है। वहीं लगातार लोकायुक्त टीम के द्वारा की जा रही धर पकड़ कार्यवाही से जहां प्रदेश में हड़कंप मचा है। वही अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक ऐसा ही मामला कटनी जिले में देखने को मिला है, जहां बिलहरी हल्का के पटवारी गजेन्द्र सिंह के द्वारा भूमि का सीमांकन करने के एवज में फरियादी से ₹5000 की मांग कर रहा था। फरियादी के द्वारा अपनी गरीबी बताने के बावजूद भी वह उसके जमीन का बिना पैसे लिए सीमांकन करने को तैयार नहीं था।
        (Vedio में देखिए रुपये चबाते पटवारी)
इससे परेशान होकर फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से कर दी। शिकायत का परीक्षण और बातचीत के ऑडियो की जांच उपरांत लोकायुक्त टीम ने पटवारी को रंगे हाथ पकड़ने रणनीति तैयार की। जिसमें सोमवार को सुबह फरियादी चंदन लोधी रिश्वत की राशि साढ़े 4 हजार रुपए लेकर पटवारी गजेंद्र सिंह के पास पहुंचा और रिश्वत की राशि दे दी। जिसके बाद फरियादी के बाहर निकलने और वहां मौजूद लोकायुक्त टीम को इशारा करने के पश्चात टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को पकड़ने धावा बोल दिया। इस दौरान पटवारी को इसकी भनक लग गई। पटवारी को जब कुछ नहीं सूझा तब वह टीम के सामने ही 5 सौ के 9 नोट यानी साढ़े 4 हजार रुपये मुंह में डालकर चबाकर हजम कर लिया।
लोकायुक्त टीम जब तक कुछ समझ पाती तब तक वह नोट को चबाकर हजम कर चुका था। आनन-फानन में लोकायुक्त टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को लेकर हॉस्पिटल पहुंची जिससे उसके पेट से नोट निकाला जा सके। लेकिन यह संभव नहीं हो सका, डॉक्टरों ने भी बताया कि ऐसा हो पाना संभव नहीं है हालांकि आरोपी पटवारी के खिलाफ शिकायत और उसमें वॉइस रिकॉर्डिंग से साबित होता है कि उसके द्वारा रिश्वत मांगी और ली गई थी। जिससे लोकायुक्त टीम ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है और आगे की कार्यवाही की गई है।
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