FIR दर्ज होने के बावजूद ठेकेदार को मिला स्वास्थ्य विभाग में काम

0
547

” जिस ठेकेदार को जिले के संवेदनशील कलेक्टर संजीव श्रीवस्ताव ने ब्लैक लिस्टेड किया हो और जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हो उसी ठेकेदार को स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर दे दिया है। इतना ही नहीं इस ठेकेदार को जो दो टेंडर दिए गए हैं उनमें से एक आधार मूल्य से 44.57 प्रतिशत कम में है जबकि दूसरा 30.56 प्रतिशत कम में दिया गया है।”

उमरिया(संवाद)। जिस ठेकेदार को कलेक्टर संजीव श्रीवस्ताव ने ब्लैक लिस्टेड किया है और जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है उसी ठेकेदार को स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर दे दिया है। इतना ही नहीं इस ठेकेदार को जो दो टेंडर दिए गए हैं उनमें से एक आधार मूल्य से 44.57 प्रतिशत कम में है जबकि दूसरा 30.56 प्रतिशत कम में दिया गया है। सवाल उठता है कि ठेकेदार ने पहले पूरे मूल्य में ठीक से काम नहीं किया और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी पड़ी, वह अब लगभग 45 प्रतिशत कम लागत में कैसे काम करेगा।

यह काम मिलेः बताया गया है कि ठेकेदार मुकेश कुमार दुबे को मानपुर जनपद के ग्राम रोहनिया में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले छह बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण का टेंडर और लगभग 51 लाख रुपये की लागत से मानपुर और पाली स्वास्थ्य केन्द्र में रेनोवेशन का काम दिया गया है। एक ही जिले में एक विभाग में ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार को दूसरे विभाग में इतने बड़े काम मिलने से काम के ठीक ढंग से पूरा होने पर संशय उत्पन्ना होने लगा है।

बिना काम करा लिया भुगतानः ठेकेदार मुकेश कुमार दुबे को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के आदेश से जनजातीय कार्य विभाग में ब्लैक लिस्टेड किया गया था। दरअसल जनजातीय कार्य विभाग के कुछ काम ठेकेदार मुकेश कुमार दुबे को दिए गए थे। इस मामले में कलेक्टर के पास यह शिकायत आई थी कि उक्त कार्यों को ठीक ढंग से नहीं किया गया है। कुछ काम तो किए ही नहीं गए थे। इन शिकायतों की कलेकटर ने जब जांच कराई तो पता चला कि शिकायत सही है।

एफडीआर भी कूटरचितः ठेकेदार मुकेश कुमार दुबे से काम के लिए अमानत राशि की एफडीआर जनजातीय कार्य विभाग ने जमा करवाई थी। जब जांच में गड़बड़ी सामने आई तो एफडीआर से राशि की वसूली का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया था। लेकिन जब एफडीआर को बैंक भेजा गया तो पता चला कि वह कूट रचित है और असली एफडीआर से राशि निकाली जा चुकी है। इस काम में ठेकेदार की मदद विभाग के निर्माण शाखा प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह बघेल ने की थी।

दर्ज है एफआईआरः इस मामले में कलेक्टर के आदेश पर जनजातीय कार्य विभाग के निर्माण शाखा प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह बघेल और ठेकेदार मुकेश कुमार मिश्रा के खिलाफ थाने में अपराध भी दर्ज है। इसी मामले में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त के खिलाफ भी कलेक्टर ने एफआईआर के आदेश दिए थे लेकिन उनके खिलाफ अभी तक अपराध दर्ज नहीं हुआ है।

Source:nai dunia

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here