MP (संवाद)। आजादी का पर्व 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ फहराया जाता है इस बीच तिरंगे के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन अनिवार्य होता है लेकिन कुछ अधिकारियों की लापरवाही के चलते अक्सर उल्टा झंडा फहरा दिया जाता है। हालांकि इसके लिए सख्त कार्यवाही भी की जाती है। ऐसे ही एक मामले में दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है वही तीन अन्य के खिलाफ कार्यवाही तय की गई है। कटनी जिले के विजयराघवगढ़ में भी यहां के विधायक संजय पाठक के द्वारा उल्टा झंडा फहराया गया बसर थे इस मामले में अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
Katni: चलती ट्रेन से लापता हुई अर्चना तिवारी मामले में बड़ा अपडेट,यहां जानिए क्या कहा परिजनों ने
दरअसल राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा राष्ट्र के सम्मान का प्रतीक है। इसके सम्मान में किसी प्रकार की छेड़छाड़ या नियम विरुद्ध कार्य करने पर कार्यवाही का प्रावधान है। 79 वें स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था जहां तमाम जगहों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर केक कृषि उपज मंडी में उल्टा ध्वज फहरा दिया गया जिसके चलते दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वही तीन के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में स्वाधीनता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहराया गया इस मामले में प्राचार्य और शिक्षक को नोटिस जारी किया गया है। इन पर भी बहुत जल्द निलंबन की कार्यवाही की जाने की संभावना है। गोटेगांव के सिमरी माध्यमिक स्कूल में जैसे ही तिरंगे को उल्टा फहराया गया वहां पर मौजूद लोगों ने देखा तो आपत्ति करने लगे। मौजूद लोगों ने कहा कि यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
ऐसा ही एक मामला कटनी जिले के विजय राघवगढ़ से सामने आया है जहां मुख्य समारोह में यहां के विधायक संजय पाठक के द्वारा उल्टा झंडा फहराया गया। विधायक ने ध्वज में हरे रंग को ऊपर रख झंडा फहरा दिया गया जबकि ध्वज के ऊपर की तरफ केसरिया रंग होना चाहिए। विधायक संजय पाठक के द्वारा फहराए गए झंडा का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
फिलहाल अभी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है वीडियो वायरल होने के बाद जिले के जिम्मेदार अफसर ने वीडियो का संज्ञान लिया है जांच उपरांत कार्रवाई की जा सकेगी। हालांकि इस मामले में विधायक संजय पाठक का कोई दोष समझ नहीं आता। यह तो उन जिम्मेदारों का दोष है जिन्होंने ध्वज को लपेटकर या ध्वज बांधने में गलती की होगी।