भोपाल (संवाद)। 26 जुलाई 1999 का वह दिन जब कारगिल का युद्ध हुआ था जिसमें 21 साल की उम्र में 15 गोलियां खाने वाले जांबाज सैनिक योगेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री ने उन्हें सांची स्तूप की प्रतिमा भेंटकर अभिनंदन किया है। योगेंद्र यादव 15 गोली खाने के बाद भी अकेले युद्ध में डटे रहे और टाइगर हिल में तिरंगा लहरा दिया।
युद्ध के बाद जांबाज सैनिक योगेंद्र यादव को भारत सरकार की ओर से परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। 26 जुलाई 1999 को दुश्मन देश पाकिस्तान भारत की सीमा में घुस आए थे जिन्हें खड़े रहने के लिए भारतीय सेवा के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी। भारत के सैनिकों ने दुश्मनों को मार गिराया और टाइगर हिल में तिरंगा फहरा दिया।
इस दौरान सेवा के जवान जांबाज हीरो कहे जाने वाले योगेंद्र यादव को 15 गोलियां लगी थी इसके बाद भी वह मैदान में डटे रहे और इस युद्ध में विजय होकर टाइगर हिल में तिरंगा लहरा दिया तब से 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में यह दिन मनाया जाता है। इस युद्ध में योगेंद्र यादव की जवाजी देख उन्हें हीरो का टाइगर हिल भी कहा जाता है। बुधवार को योगेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात की जिसमें मुख्यमंत्री ने योगेंद्र यादव का हार्दिक अभिनंदन किया है।